बृहत् स्वयं भूस्तोत्र टीका | Brahat Swayn Bhustotr Teeka
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10.37 MB
कुल पष्ठ :
334
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)६ व्णव्यवस्था चु्तहट्टाप6 उ््० उ्तणंजात आदि पुस्तकें प्रकाशित होन्ुकी हैं । आपके लिखे हुये घार्मिक जर सामाजिक लेख जेन-- प्रदीप जैनमित्र जैननगत वीर आदि जैन समाचारपत्रोंमें सदेव छपते रहते थे जिनसे जैन समानको अच्छा लाभ पहुंचा हे | आपकी लेखनी निर्भीकता और स्वतंत्रताके साथ चछती थी । जाप नो कुछ लिखते थे वे थापके हार्दिक उद्वार होते थे। जेन प्रदीपमें जो मोक्षमाग प्रकाश का इदू अनुवाद छपता रहा दे चढ़ आपका ही किया हुमा था। आपका अर प्रेम और जातिसेवायें. दमारे शिक्षित नवयुवकोंके लिये आदशेरूप है। भाप मेरठ वोडिंग दाऊपके संश्थापकों और सहायदोंमेसे एक थे-इसकी तन मन घनसे- सेवा करते थे इसकी प्रबन्घकारिणी समितीके मंत्री चीवन पर्यत रहे. व आप ही छात्रोंकी घामिक शिक्षा देते थे और आपकी दी हुई दिक्षासे छात्रगण यथाथे लाभ उठाते थे क्यों कि आाप उनको प्रत्येक मापामें भले प्रकार समझा देते थे । श्री ऋषभ ब्रह्म चर्या श्रम के माप सदमंत्री थे और नब्रतक शाश्रम इस्तनापुर रहा तबतक जाप हार्दिक प्रेमसे इप्तका कार्य करते रहे थे । भाप गरीब विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और अतद्दाय बहनों झो मासिक चन्दा देकर उनकी सद्दायता करते थे । जेन संस्थाओंको उदारता पृवेक दान देते थे ओर कितनी ही संस्थाओंके जाप सदस्य भी थे । सापकी धर्ममें अगाढ़ श्रद्धा और भक्ति थी। देवद्शन सामायिक खाध्याय संदेव करते थे ।। आप शांत परि- णामी सरलस्वभावी सदाचारी विनयी विचारशील और वात्त- न्पांगके घांरी थे । माप युणग्राद्दी भी थे । विद्दानों युणवानों .
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