आधी रात | Aadhi Raat
श्रेणी : नाटक/ Drama
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.22 MB
कुल पष्ठ :
140
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आधों रात श्३ अ्रकाश्चद्र तब . .. _.. राघवशरण एक तो मारा गया और दूसरे को कालेपानी की सज़ा हुई बीस वर्ष की । प्रकाशचंद्र दोनों ही मूर्ख थे नहीं तो राघवशरण ऐसा नहीं जी दोनों बैरिस्टर थे । दोनों को शिक्षा . .विलायत में हुई थी । यह घटना सन् उन्नीस सौ की है । बह समय अंग्रेज़ी चसक-दमक का मध्याह्. था . जब यहाँ के विद्यार्थी कालेज से निकल कर विलायत जाने और वहाँ से लौटने पर करोड़पति बन जाने का सपना देखा करते थे। अंग्रेजी चमक-दमक का वह सोह तो अब न रहा । उन दिनों इस देश की आत्मा में लालसा का जो ज्वार उठा था वह तो अब असंतोष में बदल गया है । एकाएक चुप देकर इधर-उधर ठहलने लगता हें । -प्रकाशचंद झपनी जगह पर खड़ा होकर चाँद की ओर देखने
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