व्यथा - कथा अर दूजी कवितावां | Vyatha Katha Ar Duji Kavitavan

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Vyatha Katha  Ar Duji Kavitavan by अन्नाराम सुदामा - Anna Ram Sudama

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मच्छर-जहा जहा मलेरिया बहा-वहा आता-जाता वाठक वाचें मास्टर पढ़े पण कथा रा बेगण बे आँख सू पी कान सू काढ़े । डाक्टरी जाँच अठे कोई अकाठ मोत मरग्यो तो वात जुदी नहीं तो पीछी पड़ती सम्भव री वेल सृकगी । थी स्कुला सहरी अचछ में संग जे लड्ढा-कुटो दिनभर खट-खट खटें खटे मोचा निकले झाठा लागे बोदा ट्टै नुवा घडीजे है हो है हो पड़े हथोडा घण बाजे सौदागर करे मलार लकडा फार्ट टैण कूटीजें 1 बस-्ट्रका रा हार्न कारा री पू-पू टेपु री घर घर घू घोड़ा री टपू टप्‌ टाप गढा फाडता भोपू रीछ नचार्व वाजीगर छेडछाड खिलवाड करठ हो व्यया कथा अर दूजी कवितावा २१




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