सिद्ध वनौषधि चिकित्सा | Sidh Vanoshdhi Chikitsa
श्रेणी : आयुर्वेद / Ayurveda, स्वास्थ्य / Health
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.04 MB
कुल पष्ठ :
118
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand).... लक्षण
जानवर छुस्त होता दे । झुण्ड के सच जानवसें से अलग खड़ा
पता है | चलते हुए जानवर्रों में सबसे 'पछि रूंगड़ात्ता हुआ चलता
दिखाई देता दे | चारों पेशी से जहीं लंगड़ाता है वहाँ सूजन दिखाई देती
है। सूजन को दबाने से “चर चर” आवाज़ आती है । जानवर
ज्दी ब्वास लेता है, तेज ज्वर मी होतां है । जानवर दौत पीठता
मं |
व्मक्सर २४ घण्ट म जानवर मर जाता
इलाज
१. कांस के फूल २० तोला
पानी ८० तोला
कांस के फूलों को चारीक पीस पानीमें मिला सेगी जानवर को पिलाना!
चाहिए । इस प्रकार इसी मात्रा में दिन में ३०४ बार पिलाना |
२, तेन्दू फल एक पूरा फल हलदी ५ तोला
सत्यानाशी ५ तोला छाछ १२० तोल '
आपामार्ग (संगा) अतिझाड़ा ५ तोला
इन सच को बारीक पीस दिन में तीन बार पिछाना चाहिए |
खान-पान
जानवर को इलकी, पतली भीर पोषक खुराक देना चाहिए |
मुलायम घास एवं चौंवल का माण्ड आदि खाने में देना चाहिए
संगी को अन्य जानवरों से बिल्कुल अलग रम्वना चाहिए |
गलघोटटू
कारण--यद एक रक्त-विकार की बीमारी है । नौजवान
इ रंग अधिक होता दे । जो जानवर नदी नालों की तराइयों में
हुई सड़ी गली घास खा जाते हैं उनहों यदद रोग जल्दी दोता दे | /
यु
र्मे
पे
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