सूर्य भेदन व्यायाम | Suray Bhedan Vyayam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.13 MB
कुल पष्ठ :
112
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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अधॉगमणिपातासन 1 (5५)
झारीर सुडौल चनता है । योग्य आहार चिहार के साथ इस
च्यायाम को करनेसे बुढापर्सभी जवानीका अज्ुमच होता हे ।
यह घात अन्ुसच की हैं, इस लिये इसमें यर्किंचित् भी अत्यु-
कि नहीं है । सैकड़ों मजुष्यों पर इसका अनुभव देखा हैं ।
इस लिये हरए्क पाठक निवेदन है कि चह इस झूर्योपासना
के अन्नुछ्ठानसे अपना आरोग्य शआप्त करें ।
इस व्यायाम को करनेका समय प्रातः काल हैं । स्योदय
के समय श्रारंम कर के आठ चजे तक १२०० सधभिदी व्यायास
हो सकते हैं । इस समय इस के रुरनवाले यहां सहसरों हैं
और हरएक को इस से लाभ छुआ है ।
खी ओर पुरुपफा यह व्यायाम करने योग्य हैं। इसके रये
उत्तम घुद्ध और रमणीय स्थान प्रशस्त है, जहां प्रातः कालके
सय किरण आते हां, ऐसा स्थान इस व्यायाम के लिये सर्चो-
है । प्रातः काल के सये किरणेंमिं यह व्यायाम करनेसे
यहतही लाभ होता हैं । कमरेमें करना हो, तो उस कमेरका
चायु शुद्ध रहे और उससे उपासनाके लिय योग्य ही पद।थ हों
और अन्य पदार्थों की खेंचाखेंच न हो ।
इरएक अवस्थासें यह व्यायाम लाभदायी होता है, परंदु
ग्रारंमसें अभ्यास थोडा थोडा करके यथाक्रन थोडा थोडा
अपनी थक्तिके अनुसार चढाना चाहिये । अ्रस्थेक व्यायास
अपनी शक्तिके अछुसार ही करना चाहिये, कदापि आपेक्
न्टे
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