पैंतीसबोल विवरण | Patish Bol Vivaran   
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.08 MB
कुल पष्ठ :
118
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)| पैंतीस बोल का थोकड़ा । ख ४ उदूजासक चायु सन्दवायु उत्कलितवायु सर्डलीकवायु उुजवायु घनवाउु लनवायु आदि वायुकाय में समावेश होति हैं । ५ फल फूल पते छूच आदि यनस्पति काय में समावेश होति हैं । चनस्पतिव्ाय ९ प्रद्मार का है। एक प्रत्येक बनस्पतिकांथ दूसरी साधारण चवस्पतति- काय एक शरीर सें एक ही जीव दो उसको प्रत्येक कहते हैं जैसे कि चड .पीपल आस ययूर आदि एक शरीर में अनेक जीव हो उसको साधारण वनस्पति कहते हैं जैसे कि च्यालू रतालू सूला गाजर सकरकन्द प्याज लदसन लीजसण फूलण घ्पादि चलस्पतिकाय सें ससादेश होते हें । ६ जिस जीवात्सा में घूसने फिरने की शक्ति दो सुख और दुख का अजुसव. करते हो । उसको चसकाय कहते हैं । ् ही ही 2 ग गे थथ जि ढद न पर हु रप्यधटागठोडस्प्ट ५ ही
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