हिंदी संकेत लिपि | Hindi Sanket Lipi
श्रेणी : भाषा / Language, हिंदी / Hindi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.48 MB
कुल पष्ठ :
320
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)। १४ 3
झस्पास--९
अच्छे सामान शीघ्र-लिपि-लेखक को केवल सद्दायता सात्र
हे सकते हैं. पर उनके 'अम्यास की कमी को पूरा नददीं कर
सकते । संकेत लिपि के व्णौंक्षर दी ऐसे सरल ढंग पर निर- *
घारित किये गये हैं कि जितने समय में आाप नागरी लिपि के
'क अक्षर को लिखे गे उतने दी समय में सकेत-लिपि के “कं
अक्षर को कम से कस वार बार लिख सकते हैं । 'आावश्यकता
केवतत अम्यास की है । झम्यास इतना पक्का होना चाहिए कि
बक्ता के मुद्द से शब्द के सिकलते दी आाप उसको लिख के,
जरा भी सोचना न पढ़े। इसके लिए पहले पहल 'गापकों
केवल वर्शौक्षरों का अच्छा अभ्यास करना चाहिये, उल्लट-
पत्नट कर, चाहे लिख तरद वोला ज्ञाय शाप उसे 'मासानी
से लिख सके । इसके पश्चात छाप पाठ के 'झंत में दिये हुए
'अभ्यासों को लिखे , पदले झलग-धलग कठिन शब्दों
को छौर फिर सिक्ञाकर इतनी बार लिखे कि वोले जाने पर
सरलता से लिख लें । दो-तीन वार तो धीरे-धीरे वोले जाने
पर लिघवे फिर चौथे या पाँचवे वार इस तरदद बोले जाने पर
लिखे कि चक्तास आप तीन चार शब्द वरावर पीछे रहें
जिससे आपको दाथ बढ़ाकर लिखने 'और वक्ता को पकड़ने
का शम्यास अन्त में सोने वाले की -गति छापके
लिखने की गति से आाठ-दूस शब्द प्रति मिनट अधिक होती
चाहिए जिससे झापको और भी तेज़ दाथ चढ़ाने का अभ्यास
दो । यदि ऐसा करने में छुछ शब्द छूट जाये तो कुछ जे
नहीं, भाप लिखते जायें और चक्ता कों पकड़ने का प्रयत्न करते
जायें । नया पाठ लिखने पर जो नये शब्द या वाक्यांश दि
शावें उन्हें कई वार लिखकर ऐसा अम्यास कर ले कि सह
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