साधू की चुटकी | Saadhuu Ki Chutki
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.35 MB
कुल पष्ठ :
282
श्रेणी :
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No Information available about अमोल चन्द्र शुक्ल सोमरस - Amol Chandra Shukla Somras
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१ द्रव्य यन्तड़ियों में झा जाता है। अन्तड़ियां उसमें से झपना भाग खीच कर को मल बना कर बाहर निकाल देती हैं । अर्थात् भोजन का रदी भाग निकालना इनका काम है. अप आप ही सोचिए कि यदि यह मांगे थ्वरुद्र दो जाय तो श्रामाशय में कितना दूषित द्रव्य इकट्ठा हो जाय ? श्र फिर वही बिधिध रोगों को पैदा कर दे कहने का श्रमिप्राय यह है कि श्रस्तड़ियां भी हमारे में मिशिष्ट महत्व रखती हैं। कभी २ छुछ कारणों हे दूषित भोजन इनमें रुक जाता है जो कि भांति २ के पैदा करके मनुष्य को रोग ग्रस्त कर देता है । फलस्वरूप प्रवाहिका मरोड उदरशल संग्रहणी कोष्ठ- बद्धता झादि रोग उत्पन्न दो जते हैं । अत श्रन्तटियों की रक्षा करना अति आावश्यक है । वृवक तथा मूत्राशय--शरीर के वे भाग हैं जिनसे होकर मत्त पाखाना तथा मूत्र बादर निकलते हैं । इन मार्गों में झवरोध अथवा कोई रोग उत्पन्न हो जाता बड़ा ही भयकार सिद्ध होता है । प्राय लाग झालस्यवश श्रथवां किसी काय में संशग्न होने के कारण मश व मूत्र की इच्छाओं को रोके रहते हैं । यह भ्रादत बड़ी ही खतरनाक है। और ऐसा व्यक्ति कभी सस्थ व निरोग नहीं रह सकता । बता यदद बात सर्द स्मरण रखनी
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