भारत का इतिहास १५२६से अब तक | Bharat Ka Itihas 1526 Se Ab Tak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13.11 MB
कुल पष्ठ :
679
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)1१५ जहीरउद्दीन घोवर
(१५२६-१५३०)
मुग़लों का संक्षिप्त परिचय
मुगल जाति तुर्के ता मंगोल जातियों के सम्मिश्रण का परिणाम है। मंगोल
पर्याप्त समप तक मध्य एशिया में शासन करते रहे भौर उनके पतन के उपरान्त तुर्कों
के में भाई 1 इन दोनों जातियों के पारस्परिक सम्बन्ध से मुगल
जाति का उदय हुभा । वादर का पिता तैमुर का वंशज था भौर उसकी माता चंगेज खां
की बंशज थी । भरत: उसकी घमनियों में सध्य एशिया के दो प्रमु व्यक्तियों के रक्त का
सम्मिधणं था ।* इतिहास में बावर तुर्क नाम से भी विष्यात है । इसटे गयी सिद्ध
है कि यहं जाति तुर्क भोर मंगोत जाति का सम्मिण थी, क्योकि चगताई चंगेज
खाँ के पुत्र का नाम था झौर उससे ही उनकी वंशावली का प्रारम्भ होता है ।
न बाबर के झ्ाक्रमण के समय भारत को राजनीतिक दशा
जिस समय बादर ने भारत पर भाक्रमण किया उस समय भारत की राजनीतिक
दशा उठी समान छिम-भिप्न तया शोचनीय थी जिस प्रकार वहू बारहवी शताब्दी के
प्रारम्भिक काल में थी जब भारत पर गौर वंश के सुह्तान मुहम्मद गौरी ने धाक़मण
या था। इस समय भी भारत विभिन्न रज़यों में विभक्त था भोर उनमें पाइस्परिक
संघर्षों की वहुलता थी । यद्यपि लोधी दंश के शासकों ने उत्तरी भारत में एकछत्र शासन
की स्थापना करने के लिए घोर किया, डिन्तु उनको इस दिशा में सफलता प्राप्त
नहीं हुई भीर उनका राज्य दिल्ली के भास-पास के प्रदेशों दक ही सीमित रहा ॥ उसे
समय भारत में निम्न प्रमुख राज्य थे-- हो है
+ (१) दिल्ली का राज्य--इस समय दिल्ली राज्य का स्वामी इद्राहीम लोघी
था जो १५१७ ई० में ग्रपने पिता को मृत्यु के उपरान्त राज्यशिहासन पर श्राहीन हुआ
था । उसका राज्य बहुत संशुचित था । उसमें दिस्ली, झागरा, दोप्राव तथा जौनपुर
के कुछ प्रदेश सम्मिलित थे । वद.एक अयोग्य दासक था । उसने झपनी सू्ता तथा
इठुष्मी के कारण भफगान भमीरों को भपना शत्रु दना लिया था जो उसके श्यान पर
स्वयं राज्य करने की बलवती इच्छा रखते थे । थचपि उनके दिदोह का दसन कर दिया
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