महाराजा सूरजमल १७०७-१७६३ जीवन और इतिहास | Maharaja Soorajmal 1707-1763 Jeevan Aur Itihas
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5.86 MB
कुल पष्ठ :
164
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)16 महाराजा सूरजमल
उत्तर में राजपुत विरोधी बन गये, पंजाब के सिख भौर ब्रज-मत्स्य प्रदेश के जाट
जाग उठे । औरंगज़ेव की अनुपस्थिति उनके लिए सुअवसर थी । जाटों ने, जो
राष्ट्रीय रंगमंच पर विलंव से आये थे, इस सुअवसर को वड़े जोश और दृढ़ संकल्प
के साथ पकड़ लिया भौर यह नहीं सोचा कि इसकी कीमत क्या देनी पड़ेगी। यह
एक अदूभुत संयोग ही है कि सुरजमल का जन्म फ़रवरी, 1707 में औरंगजेब की
मृत्यु के कुछ ही महीने वाद हुआ ।
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