महाराजा सूरजमल १७०७-१७६३ जीवन और इतिहास | Maharaja Soorajmal 1707-1763 Jeevan Aur Itihas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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16 महाराजा सूरजमल उत्तर में राजपुत विरोधी बन गये, पंजाब के सिख भौर ब्रज-मत्स्य प्रदेश के जाट जाग उठे । औरंगज़ेव की अनुपस्थिति उनके लिए सुअवसर थी । जाटों ने, जो राष्ट्रीय रंगमंच पर विलंव से आये थे, इस सुअवसर को वड़े जोश और दृढ़ संकल्प के साथ पकड़ लिया भौर यह नहीं सोचा कि इसकी कीमत क्या देनी पड़ेगी। यह एक अदूभुत संयोग ही है कि सुरजमल का जन्म फ़रवरी, 1707 में औरंगजेब की मृत्यु के कुछ ही महीने वाद हुआ ।




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