मनुस्मृति | Manusmrity
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
124
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उपोदूघात,
उप 3ककल-+---
प्रारंभ,
एज फ्टफेबंॉर
जैनघम साथे संबंध धरावनारा जेटला प्राचीन शिलाउेंखों
आज सुधीमां मछी आव्या छे तेमां आ पुस्तकमां आपला ”' कटक
नजीक आवेली उदयगिरिनी टकरी उपरना दाथीगुफा तथा बीजा त्रण
लेखा ” सवेथी प्राचीन छे. हार्थीगुफा वाक़ो मददामेघवाइन राजा खार-
बेलनों लेख जैनधर्मनी पुरातन नाहोजलालों उपर अपूर्व अने अद्वितीय
प्रकाश पाडनारो छे.. श्रमणभगवान् श्रीमहादीरदेव प्रयोधित पन्थना
अनुयाधिओमांना कोइपण प्राची नमां प्राचीन नुपतिुं नाम जो शिला-
ढेखमां मत्ठी आव्युं होय तो ते फक्त एकठा आ। प्रतापी नृपति खार-
वेलनुं ज॒ छे. जैनघ्मना इतिहासनी दृष्टि तो आ हाथी गुफावाठों
लेख अनुपम छे ज परंतु भारतवषना राजकीय इतिहासनी अपेक्षाए पण
आनी उपयोगिता अनुत्तर ज जणाइ छे. लगभग एक शताब्दी जेटला
छांबा काव्थी आ लेखनी चचां युरोपीय अने भारतीय पुरातत्त्वज्ञामां
चाह्यां करे छे. अनेक ठेखो अने पुस्तकों आ ढेखना विषयमां लखायां--
छपायां छे. सेकऋडो विद्वानों आ लेखनी मुलाखात लईइ फोटा विंगरे
उतारी गया छे-अने इजु पण एम ज चाछ छे. आबी रीते एतिदातिक
विद्वानोमां आ लेख एक महत््वनो अने प्रिय थइ प्यो छे. परंतु ए
जाणोने स्दने साश्चर्य खेद थाय छे के जेमना धभं साथे आ मदत्त्तना/
स्थाननो सीधी संबंध छे, जेमनों एक मकारे आ कौीर्तिए्ंग के अने :-
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