मनुस्मृति | Manusmrity

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Manusmrity  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उपोदूघात, उप 3ककल-+--- प्रारंभ, एज फ्टफेबंॉर जैनघम साथे संबंध धरावनारा जेटला प्राचीन शिलाउेंखों आज सुधीमां मछी आव्या छे तेमां आ पुस्तकमां आपला ”' कटक नजीक आवेली उदयगिरिनी टकरी उपरना दाथीगुफा तथा बीजा त्रण लेखा ” सवेथी प्राचीन छे. हार्थीगुफा वाक़ो मददामेघवाइन राजा खार- बेलनों लेख जैनधर्मनी पुरातन नाहोजलालों उपर अपूर्व अने अद्वितीय प्रकाश पाडनारो छे.. श्रमणभगवान्‌ श्रीमहादीरदेव प्रयोधित पन्थना अनुयाधिओमांना कोइपण प्राची नमां प्राचीन नुपतिुं नाम जो शिला- ढेखमां मत्ठी आव्युं होय तो ते फक्त एकठा आ। प्रतापी नृपति खार- वेलनुं ज॒ छे. जैनघ्मना इतिहासनी दृष्टि तो आ हाथी गुफावाठों लेख अनुपम छे ज परंतु भारतवषना राजकीय इतिहासनी अपेक्षाए पण आनी उपयोगिता अनुत्तर ज जणाइ छे. लगभग एक शताब्दी जेटला छांबा काव्थी आ लेखनी चचां युरोपीय अने भारतीय पुरातत्त्वज्ञामां चाह्यां करे छे. अनेक ठेखो अने पुस्तकों आ ढेखना विषयमां लखायां-- छपायां छे. सेकऋडो विद्वानों आ लेखनी मुलाखात लईइ फोटा विंगरे उतारी गया छे-अने इजु पण एम ज चाछ छे. आबी रीते एतिदातिक विद्वानोमां आ लेख एक महत््वनो अने प्रिय थइ प्यो छे. परंतु ए जाणोने स्दने साश्चर्य खेद थाय छे के जेमना धभं साथे आ मदत्त्तना/ स्थाननो सीधी संबंध छे, जेमनों एक मकारे आ कौीर्तिए्ंग के अने :-




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