संयम बनाम भोग | Sayam Banam Bhogh

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : संयम बनाम भोग  - Sayam Banam Bhogh

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )

Add Infomation AboutMohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
संयम ौर उसको छावश्यकता १ देखें, तो मातम होगा कि जहाँ एक को दूसरे की रजामन्दी की जरूरत होती दे, वीं संयम की सच्ची तैयारी या उसकी सच्ची लगन दोती ही नददीं। इंसी से तो निष्कुलान्द्न का सतत है कि “त्याग न टिके रे वैराग चिना ।” वैराग्य को यदि “राग” के साथे को जरूरत दो सकती दो. तो संयमी व्यक्ति को जो इसकी इच्छा रखता हो, संयम की इच्छा न करने वाले की सहमतिं की सावव्यकता हो सकती दै |”? ऊपर दिए हुए प्र के लेखक का रास्ता तो सीधा है। वह अभी अविचाहित हैं, और यदि वे संयम की आवश्यकता का अनुभव जीवन में समझ कर ब्रह्मचर्य का पाठन करना चाहते हैं, तो फिर वह्द कल के बन्धन में ही क्यों वैँधने ला रदे हैं । इस सम्बन्ध में माता-पिता और दूसरे सगे-तम्बन्धी, मित्र जादि तो अपने कच्चे अनुभत्र के चछ पर यह कहेंगे ही कि एक युवक का ब्रह्मचर्य धारण की बात करना समुद्र-मंयन करके तेंरना है । यों कद कर, घमकी देकर, विगढ़ कर और दण्ड देकर, भी उसे ब्रह्मचर्य के झुभनसंकह्प से डियाने का प्रयत्न करेंगे, परन्पु जिसके लिये ब्रंहमचर्य का भंग ही सच से बड़ा दण्ड दो, साम्राज्य पाने का प्रछोमन भी जिते ब्रह्मचर्य को भंग करने के छिये तत्पर नहीं कर सकता, तो फिर वह किसी भी 'घमकी से डर कर क्यों व्याद करेगा १ जिसका सागर: इतना तीघ्र नहीं, जिसने संयम रखने में ब्रह्मचर्य का इतना बड़ा मूल्य न साँका हो, उसके लिये मेरे पास कोई आोपधि नहीं है ।” 'ह्मा गांधी का यह निश्चित मत जान पढ़ता है कि संसार में सर्च प्रधान मानुपिक जीवन का जो उद्द इ्य है, वह संयम के बिना किसी प्रकार मी साफल्य नददीं प्रांस कर सकता 1. स्त्री-पुरुप का सहवास संयमी व्यक्ति को इस मार्ग से नददीं दइदा सकता । सष्टिदिरोमणि मनुष्य इसी, :के दारा बन, सकता दै | संसार का कल्याण «संयसी की प्रदत्ति में ही आधारित है ।. सादा और-पुष्टिकर भोजन, झुद्ध खुली वायु, निरन्तर | का. ईश्वर-चिस्तन, परोपकार यही छुछेक . साधन ऐसे हैं ड जिनकी




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now