रानडे का दर्शन | Randey Ka Darsan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
29 MB
कुल पष्ठ :
243
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)डा० रानडे
डा० सर्वपल्ली राघाकृष्णुन्, उपराष्ट्रपति भारत, नई दिल्ली
मुझे यह जान कर प्रसन्नता है कि दशंन परिषद्,” प्रयाग विश्वविद्यालय डा०
रामचन्द्र दत्तात्रेय रानडे के दर्शन को प्रकाशित कर रही है। खेंद है कि इसके लिए लेख
लिखना मेरे लिए सम्भव नहीं है। किन्तु में प्रोफेसर रानडें को लगभग ३० साल से
जानता हूँ । मुमे वे अति श्रेष्ठ विद्वान् ; उत्तम सुहद तथा महात्मा मिले । जिन असंख्य
लोगों को उनके सम्पक्के में आाने का सौभाग्य मिला था, उनको उनकी उपस्थिति मात्र से
महान सुख मिलता था । प्रो ० रानडे के देहपात से हमारे देश को बड़ी क्षति पहुँची है;
विशेषतः दार्शनिक और धार्मिक जगत को । मेरे प्रति उनकी मैत्री से मेरा जीवन अत्य-
घिक गौरवान्वित था ।
प्रो० रासडे के लिए द्शंन प्रज्ञान का अनुसन्धान था, न कि केवल बौद्धिक व्यायाम ।
उनके लिए यह आत्मा का सतत ध्यान करना था; आत्मसाक्षात्कार को समूर्पित करके
जीवन बिताने का सागे था ।
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