बुंदेलखंड का संक्षिप्त इतिहास | Bundelkhand Ka Sankshpit Itihas

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Bundelkhand Ka Sankshpit Itihas by गोरेलाल तिवारी - Gorelal Tiwari

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रारंभिक इतिहास ७. शाली राजा था ।. सम्राटू जरासंघ की श्रार से चेदि देश का राजा शिशुष्ाल साम्राज्य-सेना का अधिपति था । इससे जान पड़ता है कि चेदि देश का राज्य भी जरासंघ के साम्राज्य के झंतगंत हो गया था। श्रीकृष्ण ने जरासंध को हराया था झोर शिशुपाल को भी मारा था । उस ससय द्वारका में प्रजातंत्र राज्य था । श्रीकृष्ण द्वारका के प्रजातंत्र राज्य के राष्ट्रपति थे श्रौर जरासंघ तथा शिशुपाल श्रादि साम्राज्यवादी राजाओं से उनका ट्रष था |. जरा- संघ श्रनौर शिशुपाल 'की हार होने से साम्राज्य टूट गया, परंतु चेदि में एक-सत्तात्मक राज्य-संस्था चली श्राई । १२--जरासंध के साम्राज्य में मिन्‍्न-सिन्न राज्य तो श्रपनी आंतरिक शासन-संस्था में विलकुल स्वतंत्र थे, परंतु परस्पर सहायता के लिये जरासंघ के अआधिपय में एक हो जाते थे । इससे जरा- संघ का साम्राज्य आधुनिक साम्राज्य से मिन्‍न था । चेदि राज्य के संबंध का इतना ही इतिहास महाभारत में' मिलता है। दशा देश का हाल श्रोर भी कम मिलता है श्रौर जा कुछ सिला ऊपर लिखा जा चुका है । महाभारत के युद्ध में यहाँ के राजा को भग- दत्त ने सारा था। १३--चेदि श्रार दशायी ये दोनों एक-सत्तात्मक राज्य थे । इनकी राजसंत्था अन्य तत्कालीन राज्यों के समान दही रददी होगी। राजा राजघराने का ही व्यक्ति रहता घा श्रार राजा के ज्येप्ट पुत्र को चुना जाने का पहला अधिकार घा ।. परंतु प्रजा हो राजा को चुनती घी ।. राजा आठ मंत्रियों की राज-सभा चनाता घा । (१ ) 'घष्टानां स्त्रियां सध्ये सन्न॑ राजापधघारयेद्‌ । सदानारत, शातिपर्य ८४1१३




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