हमारा देश भारत | Hamra Desh Bharat
श्रेणी : शिक्षा / Education
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
259
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)क्यों बनाई जाती हैं ? ढालों पर खेती करना कठिन है,
इसलिंए यहाँ लोग भेड़ बकरियाँ पालते हैं। पशुप्नों की.
रक्षा के लिए कुत्ते भी पाले जाते हैं ।
लघु हिमालय कं उत्तर में महाहिमालय पर्वतश्रेणी है ।
पर इसकी ऊँचाई के कारण में संसार भर में प्रसिद्ध हूँ। मेरा
न. परिचिमी श्रौर पूर्वी हिस्सा तो तुम्हारे देश में है परन्तु बीच
5 का एक बड़ा भाग नेपाल देश में है। मेरी दो सबसे ऊँची
हर हो | चोटियाँ--माउँट एवरेस्ट श्रौर कनचिनजुंगा--इसी भाग
४ में हैं। माउँट एवरेस्ट संसार की सबसे ऊँची चोटी है।
डक भारत में स्थित मेरी चोटियों में नन्दादेवी, नंगापवेत,
चोमोल्हारी श्रादि प्रसिद्ध हैं। मेरा यह भाग सदा बफं॑ से
ढका रहता है। बफं धीरे-धीरे नीचे को खिसक-खिसक कर
घाटियों में ग्रागे बढ़ती है। इन्हें हिम-नदियाँ कहते हैं।
_ मेरी ऊँची-ऊँची 'चोटियों पर चढ़ कर विजय प्राप्त करने
के लिए दूर-दूर से लोग श्राते रहे हैं।. भारतवासी तेनसिंह
शेरपा श्र न्यूज़ीलेंड के हिलेरी १९५३ में पहली बार.
: साउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचे थे ।
कहीं-कहीं पर मेर इन ऊँचे पहाड़ों में घाटियाँ भ्रौर
उनके निचले भागों में तंग सकरे रास्ते हेँं। इन तंग सकर
रास्तों को दा कहते हें। इन्हीं रास्तों से लोग दूसरी
पवेतमालाओं में पहुँचते हें। ऐसे ही एक दरें से होकर
तुम 'कर्मीर की घाटी में पहुँच सकते हो। इसे बनिहाल
का दर्रा कहते हैं। इन तंग पहाड़ी रास्तों की चढ़ाई बहुत
कठिन होती है। कभी-कभी ऐसे बहुत तंग रास्तों पर से
गुजरना पड़ता है जिनके एक श्रोर ऊँचे पहाड़ श्रौर दूसरी
श्रोर हज़ारों मीटर गहरे. गड्ढे होते हें। इसलिए इन पर
बहुत ही सम्भल कर चलना पड़ता है । फिर भी घाटियों
.... में रहनेवाले लोग इन मार्गों से ही भ्रनाज, ऊन, नमक श्रादि .
.. चीज़ें दूर-दूर से अपनी और जानवरों की पीठ पर लाद.
कर झ्ाते-जाते हैं।
मानचित्र में ध्यान से देखो। पर्चिम में ' हिन्दूकुश न््क्श
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