सिद्धांत शतक | Siddhant Shatak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
30 MB
कुल पष्ठ :
331
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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प्रश्न 9. .
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उत्तर
प्रश्न 13
उत्तर
प्रश्न 14
उत्तर
अठारह दोष कौन-कौन से हैं ?
1. जन्म 2. मरण 3. बुढ़ापा 4. आश्चर्य 5. भूख
6. प्यास 7. अरति 8. खेद 9. रोग. 10. सिँदूं.* १.
11. मोह. 12. मय. 12. निद्रा 14. चिन्ता 15.'पुसौना जी
16. राग 17. द्वेष
18. शोक ये अठारह दोष हैंँ1
मोक्ष मार्ग के निर्माता कौन हैं ?
मोक्ष मार्ग के निर्माता सच्चे देव अर्थात् “'अरहंत परमेष्ठी'' हैं ।
सच्चे देव क्या करते हैं ?
सच्चे देव पाप का नाश करते हैं । सुख प्रदान करते है और
शरण में आये जीवों के संकट का हरण करते है।
सुख किसे कहते हैं ?
समस्त अनुकूलता की प्राप्ति को 'सुख' कहते है।
पाप किसे कहते हैं ?
जिस क्रिया से स्वयं का एवं सदूआचरण का घात हो उसे
“पाप” कहते हैं।
भव दुःख किसे कहते हैं ?
ससार के दुःखो को “भव दुःख'' कहते हैं ।
उत्तम किसे कहते हैं ?
जो वीतरागता सहित उच्च पद पर स्थित हों उन्हें “उत्तम”
कहते हैं ।
शरण किसे कहते हैं ?
जो मरण से बचायें उन्हें “शरण” कहते हैं ।
मंगल किसे कहते हैं ?
जो पूर्व संचित पाप को समाप्त करने में कारण हों उन्हें
“मंगल” कहते हैं ।
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