सिद्धांत शतक | Siddhant Shatak

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Siddhant Shatak by सौरभ सागर - Saurabh Sagar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रथ न उत्तर मी प्रश्न 9. . उत्तर कर प्रश्न 10 उत्तर म् प्रश्न 11 . उत्तर भर प्ररन 12 . उत्तर प्रश्न 13 उत्तर प्रश्न 14 उत्तर अठारह दोष कौन-कौन से हैं ? 1. जन्म 2. मरण 3. बुढ़ापा 4. आश्चर्य 5. भूख 6. प्यास 7. अरति 8. खेद 9. रोग. 10. सिँदूं.* १. 11. मोह. 12. मय. 12. निद्रा 14. चिन्ता 15.'पुसौना जी 16. राग 17. द्वेष 18. शोक ये अठारह दोष हैंँ1 मोक्ष मार्ग के निर्माता कौन हैं ? मोक्ष मार्ग के निर्माता सच्चे देव अर्थात्‌ “'अरहंत परमेष्ठी'' हैं । सच्चे देव क्या करते हैं ? सच्चे देव पाप का नाश करते हैं । सुख प्रदान करते है और शरण में आये जीवों के संकट का हरण करते है। सुख किसे कहते हैं ? समस्त अनुकूलता की प्राप्ति को 'सुख' कहते है। पाप किसे कहते हैं ? जिस क्रिया से स्वयं का एवं सदूआचरण का घात हो उसे “पाप” कहते हैं। भव दुःख किसे कहते हैं ? ससार के दुःखो को “भव दुःख'' कहते हैं । उत्तम किसे कहते हैं ? जो वीतरागता सहित उच्च पद पर स्थित हों उन्हें “उत्तम” कहते हैं । शरण किसे कहते हैं ? जो मरण से बचायें उन्हें “शरण” कहते हैं । मंगल किसे कहते हैं ? जो पूर्व संचित पाप को समाप्त करने में कारण हों उन्हें “मंगल” कहते हैं ।




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