तुलसी के काव्य की कला द्रष्टि और सामाजिक द्रष्टि का तुलनात्मक अध्ययन | Tulsi Ke Kabya Ki Kala Drishti Aur Samajik Drishti Ka Tulnatmak Addhayayan

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Tulsi Ke Kabya Ki Kala Drishti Aur Samajik Drishti Ka Tulnatmak Addhayayan by अनिल कुमार द्विवेदी - Anil Kumar Dwavedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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वेद्य का सराहनीय सहयोग भी प्राप्त होता रहा । हमारे पुस्तकालय के वरिष्ठ सहयोगी श्री पृथ्वी पाल कुशवाहा के सहयोग को में कैसे भूल सकता हूं । ये समस्तजन बधाई के पात्र है जिनके आसीम सहयोग से मैंने यह कार्य पूर्ण करने का प्रयत्न किया । में हिन्दी साहित्य सम्मेलन के मुख्य पुस्तकालय अध्यक्ष तथा हिन्दुस्तान एकेडमी के पुस्तकालयाध्यक्ष के कर्मठ सहयोगियों का आभार प्रदर्शित करता हू । अन्त में शोध प्रबन्ध के लेखन कार्य सम्बन्ध व्यवस्थापक श्री प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव एवं राजू मौर्य का बहुत आभारी रहूंगा जिन्होंने इस गुरुतर कार्य को सम्पन्न कराने में मेरी भरपूर सहायता की । नर ने नर न नर ने नंद के नर ने 7111




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