ग्रामीण निर्धनता खाद्य समस्या तथा पोषण स्तर | Grameen Nirdhanta Khadya Samasya Tatha Poshan Star
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
98 MB
कुल पष्ठ :
397
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तालिका 2 से स्पष्ट है कि ग्रामीण समुदाय में अनेक तरह के कार्य
जुड़ें हैं इनमें उत्पादन साधन के रूप में प्रधान साधन भूमि ही है। जिससे
ग्रामीण समुदाय की न केवल उदर पूर्ति ही होती है बल्कि अनेंक अन्य
आधुनिक आवश्यकताओं की पूर्ति भी होती है।
परम्परागत ग्रामीण समुदाय आत्म सम्पन्न और आत्म निर्धर रहे हैं,
एक गांव था आसपास के कुछ गांव एक आर्थिक इकाई के रूप में रहते
थे जिनका उस इकाई के बाहर किसी तरह का लेन-देन नहीं होता था। जहाँ
इस पिछड़ेप़न के कुछ लाभ भी थे तो कुछ लुकसान की थे। गांव आर्थिक
पिछड़ेपन तथा जड़ता में धंसते जा रहे थे। पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम
से इस स्थिति को. बदलने के. प्रयास किए गए है। इन प्रयासों के
परिणामस्वरूप भारत की. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अनेक प्रकार के परिवर्तन
प्रकाश में आयें हैं। ये परिवर्तन ग्रामीण जीवन के अनेक पहलुओं से
सम्बन्धित हैं जैसे भू-सुधार, कृषि, पशुपालन, वित्त विपणन सेवायें , ग्रामीण
उद्योग, कल्याणकारी सेवायें, ग्रामीण नेतृत्व तथा ग्रामीण प्रशासन आदि। नये .
स्कूलों -का सोला, जाना, 'पेरिवार कल्याण एवं कनियाजन “सैंवाऊं-. संघ: चिस्ताद
प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों की स्थापना, बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारियों की.
बड़े पैमाने पर नियुक्ति और इनसे बढ़कर परिवहन, संचार व आकाशवाणी
तथां दूरदर्शन का विस्तार आदि अनेक ऐसी बाते हैं जिनसें ग्रामीण जीवन
में भी. क्रान्तिकारी परिवर्तन आये हैं। इन सबके प्रभाव से ग्रामीण समुदाय
का जो चित्र उभरकर सामने आया है उसकी विशेषतायें निम्नलिखित हैं |
ऊ. काषिं का व्यवसार्यवकरण:
खेती-बाड़ी अथवा कृषि जो ग्रामीण समुदाय का प्रमुख व्यसाथ है अब
मात्र जीवन निवांहि का साधन नहीं : रह णया है. चल्कि इसे. ला कमाने के .
साधन के रूप में देखा जां रहा है। इस क्रम को व्यवसायीकरण का नाम
दिया जा रहा. है। कृषि का व्यवसायीकरण कृषि के बदलते हुये स्वरूप तथा
इस क्षेत्र में हुए विकास का. भी परिचायक है। व्यवसायीक्रशण: के सिने:
जिम्मेदार प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
की - सपिकर 2, वर्षों से कृषि के उत्पादन के तरीकों में महत्वपूर्ण
_ सुधार हुये हैं. । परिणामस्वरूप कृषि उत्पादकता पहले की तुलना में बहुत
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