जैन धर्म के मौलिक इतिहास भाग २ | Jain Dharam Ka Molik Itihas Part -ii

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Jain Dharam Ka Molik Itihas Part -ii by आचार्य श्री हस्तीमलजी महाराज - Acharya Shri Hastimalji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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वाचनाचार्य नागार्जुन (२३वें पटघर ) युगप्रधानाचायें नागार्जुन झ्राय॑ं स्कन्दिल एवं नागार्जुन के समय के राजवंश चन्द्रगुप्त (गुप्त) प्रथम राय नागार्जुन के समय के राजवंश गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त पराक्रमांक श्रार्य गोविन्द वाचनाचायें वाचनाचार्य भुतदिन्न (२४वें पटुघर) झायें भूतदिन्न युगप्रधानाचार्ये स् राय नागार्जुन एवं भ्रूतदिन्न के समय का राजवंश चन्द्रगुप्त द्वितीय ये भूतदिन्न के समय की राजनैतिक स्थिति वाचनाचार्य लोहित्य (२५वें पट्घर) वाचनाचार्य दृष्यगणी (२६वें पटुघर) वाचनाचार्य एवं गरणाचार्य देवद्धिक्षमा्रमण (२७वें पटुघर ) कस श्रागमवाचना श्रथवा लेखन देवद्धि श्रौर देववाचक न देवद्धि क्षमाश्रमण की गुरुपरम्परा कल वल्लभी-परिषद का श्रागमलेखन उत्कालिक सुय कालिक सुय (१२ ग्रंग) अ्रंग (११) उपांग (१२) प्रकीणंक (१०) छेदसूत्र (६) मुलसुत्र (४) चूलिका (२) झावश्यक (१) स्पष्टीकरण कम्ड देवद्धिक्षमाधमण का स्वर्गगमन श्र पुर्वेज्ञान का विच्छेद ... कालकाचार्य (चतुर्थ) युगप्रघानाचाय॑ श्रायें सत्यमित्र युगप्रधानाचा ये देवद्धिकालीन राजनेतिक स्थिति - गुप्त-सम्रादु रकन्दगुप्त विक्रमादित्य वीर नि० सं० १००० तक हुए गुप्त राजवंश के राजाओं की तिथिक्रम सहित नामावली सामान्य पूर्वंघर-काल सम्बन्धी दिगम्चर परम्परा की सान्यता ( हा ) द्श््ड द्भ्द्‌ द्श्द द्भ्ट द्द्रे द्द्् द्द्भ्‌ द्७र२ ६७४ ६७४ द्७प्र ६७७ दद० द्प्श च्म्प ६८७ ६८७ ६८्प ६८्प




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