वेंकट - पार्वतीश्वर कवि व्यक्तित्व व कृतित्व | Venkat - Parvatishvar Kavi Vyaktitv Va Krititv

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Venkat - Parvatishvar Kavi Vyaktitv Va Krititv by तेकुमल्ल ललिता - Tekumall Lalita

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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काम. फि. आक थोड़ा सा क. फरये दूसरों पो भी सहायता फरो। इनदे. 'मुत्याल सरालु और 'नोलॉगिरि पाटतु नामक गोला या संग्रह बहुत दिशिष स्य में छ्या जाता है। उनपा सुप्रमिदूध देशमप्ति गत साऐे आलम मैं गूँग उठा न पियें देश मेँ बला करो हे जहाँ पडा भो पोव धरो हे मातृ भूमि को कौरति बढाओ निज जाति को स्फूत चढाओं। । न इस गेल अन्य चरणों मैं फावि मातृदेश के प्रासन कैब का मनोहर वर्मन छिया। रायप्रोलु सुब्बाराव सख्त, मजे, और तेलुगु साहित्य के अक्छे घाता है। इन्हें शिसिक्रेतन मैं अध्ययन करने पा सोमाग्प मिता।. रवेंद्र के ब्यमितित्व को निकट परिचय प्राप्त हुआ। लोकप्रिय है। +स धारा वा आगे वढनेवालो मेँ रायप्रोतु सुब्बारावजों फा कक इनको प्रथम रघना ललिता” नामक लंड पाव्य है। यह गोस्शस्पित ेमलेट के आधार पर रचो गयो है। तेलुगु का यह पहला काव्य है जिस मैं कधापकथधन, संवाद सवा कथा आद के स्थान पर प्रकृति वर्णन को प्रधानता पिले। फाबि को प्रदृत्ति के अनेक दृश्यों का अँंकन बड़ों कशलता से कै किया हैं। ललिता के कारण समूचे आन्म्र में आपको कोर्ति फैली है। कॉँव ने प्रकृति को रम्य स्पॉ में चिजित सोट' नामक दो काव्य आलम प्रदेश से संबंधित हैं। इसके बाद अब्यूरि हर रामदृाराव मकर शास्तों मे रे अल तल के डे मद सुँबरो भें उत्लेब्नोय हैं | लता उ




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