बुंदेलखंड संभाग में मेडिकल रेप्रेसेंटत्र्तिव्ज़ का समाजशास्त्रीय अध्ययन | Bundelkhand Sambhag Mein Medical Representative
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
94 MB
कुल पष्ठ :
232
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तरीकों को भूमिका कहते हैं” *
आधुनिक विश्व के विकसित एवं प्रगतिशील देशों ने भौतिक उपलब्धियों में
वृद्धि के साथ-साथ मानव आयु में विस्तार में भी सफलता हांसिल कर ली है । उनकी
यह मान्यता है कि भौतिक संसाधनों में वृद्धि होने के साथ मानव उपभोग के अधि
[क अवसर भी प्राप्त हों और यह अवसर तभी प्राप्त होगा जब मनुष्य स्वस्थ्य एवं
निरोग रहेगा । अतः ऐसे देश जहाँ वे एक ओर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में
नवीन आविप्कार करते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर मानव के स्वास्थ्य एवं आयु में
वृद्धि के लिए नवीन उपकरण एवं. औपधियों के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य में लगे हैं ।
सम्बन्धी समस्याओं का समाजशास्त्रीय अध्ययन है
राबर्ट स्ट्रास ने अपनी कृति “दी नेचर एण्ड स्टेटस ऑफ मेडिकल
सोसियोलॉजी' नामक लेख में लिखा है कि चिकित्सा समाजशास्त्र समाजशास्त्र की.
वह शाखा है जिसके अन्तर्गत संज्ञात्मक संरचना का अध्ययन, भूमिका सम्बन्धी मूल
व्यवस्था, धार्मिक कृत्य या अनुष्ठान, व्यवहार में व्यवस्थाओं के रूप में औषधि विज्ञान
का प्रकार्य आदि का अध्ययन किया जाता है। यह न्यायसंगत किया-कलाप
व्यवहारिक समाज वैज्ञानिकों -के लिए उपयुक्त है। इसके द्वारा समाज वैज्ञानिक
सामान्य समाज विज्ञान के परिवेश को अपनी योगदान से लाभान्वित कर सकेगे। *
बाल कृष्ण लवानिया ने अपने लेख “चिकित्सा का समाजशास्त्र या
स्वास्थ्य का समाजशास्त्र' नामक एक लेख में लिखा है - “समाजशास्त्र को तो
हम इन परिभाषाओं से समझते हुए कह सकते हैं कि समाज और सामाजिक व्यक्ति
_ की समस्त सामाजिक कृतियों एवं अन्तःक्रियाओं का व्यवस्थित अध्ययन है किन्तु
User Reviews
No Reviews | Add Yours...