श्रम समस्याएं एवं समाज कल्याण | Shram Samsyayen Evam Samaj Kalayan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Shram Samsyayen Evam Samaj Kalayan by आर. सी. सक्सेना - R. C. Saksena

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about आर. सी. सक्सेना - R. C. Saksena

Add Infomation AboutR. C. Saksena

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
खीः पाप श्र (जा ) न विषय परिभाषा, असल तथा सपद मजदूरी, मजदूरी अदायसी वी पढ्तियाँ, प्रा० पीगु वे विचार, मजदूरी बा जीवन निर्वाह सिद्धान्त, जीवन-स्तर गिद्धास्त, शेप।धिवारी सिद्धास्त, मजदूरी निधि सिद्धान्त, सीमान्त उत्पादरता वा सिद्धान्त, टीसिग का मजदूरी सिद्धान्त, मजदूरी वी मांग और प्रति का सिद्धास्त, भाघुनिक दृष्टिकोण । भारत में मजदूरी समस्या दा महत्व, भारत में मजदूरी वी दरो वा. अध्ययन, फक्ट्री उयोग, यान, वागान परिवहन एवं सम्वाद वाहन, वन्दरगाह नगरपालिवा, नाविय, आदि श्रमिकों की मजदूरी तथा जाय ही न्यूनतम मजदूरी, इसकी वाछनीयता, इसके उद्देश्य न्यूनतम मजदूरी निश्चित बरेंने में कटिनग्डया; भारत में स्यूनतम मजदूरी वी समस्या, १६४८ था न्यूनतम मजदूरी अधि- नियम, इसमें सदोधन, इसका वार्यान्यित होना, अधिनियम वा आलोचनात्मव मुत्यानन, आाद: साततम मजदूरी तथा इसकी वात 1) मजदूरी तथा इसकी वाधाएँ [) उचित मजदूरी वी समस्या, उचित मजदूरी के वारे मे विभिन विचार, पर्याप्त न्यूनतम एवं उचित मजदूरी , उचित सज- दूरी बसे निर्यित वी जाये, उद्योग या भुगतान क्षमता, उत्पादकता तथा लागत से सम्बन्धित मजदूरी वी समस्या, उचित मजदूरी और आधार वर्ष की समस्या, मजदूरी निश्चित बरने वो व्यवस्था, १६५० वा उचित मजद दी विवेधक, पंचवर्षीय आयोजनायें तथा मजदूरी । मजदूरी अन्तर और मजदूरी वा समानीयरण, समानी- करण वी आवदयवता, विभिन्न उद्योगों में मजदूरी वा समानीव रण, समान कार्य वे लिये समान मजदूरी, पुस्पो एव स्त्रियों की मज- दूरी, मजदूरी बोर निर्वाह सच । मजदूरी अदायगी वा तरीवा, १९३६ या मजदूरी बदा- यगी अधिनियम व १६४५७ व ९४ में सधोधन, समान पारिथमिया बधिनियम १६७६, मुत्य उपयन्प, मजदूरी में से कटौतिया, सधि- नियम वा विस्तार तथा प्रशासन इसका बार्यान्वियन तथा सीमायें, चोनस अदायगी, वानस गायोग, दोनम अदायगी अधिनियम रद राष्ट्रीय श्रम आयोग की सिफारिशें, मजदूरी नीति । भारत में नाभ सदभाजन योजना, लाभ सहभाजन का दर्श गिद्धान्त, उपि श्रमिदा के निये लय सामिगा व लिये पच्ठ गौद्योगिग धमियो थी मोद्योगिग धमिकों थी मजदूरी ६०३-२११ मचा पर आना वो मजदूरों... ्क्




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now