न्याय का आसन | Nyay Ka Aasan

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Book Image : न्याय का आसन  - Nyay Ka Aasan

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रघुनाथ सिंह (भारतीय राजनीतिज्ञ) :-

रघुनाथ सिंह (१९११ - २६ अप्रैल १९९२) एक स्वतंत्रता सेनानी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता, तथा लगातार ३ बार, १९५१, १९५६ और १९६२ में वाराणसी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के तरफ से लोकसभा सांसद थे। वे स्वतंत्र भारत में, वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के पहले निर्वाची सांसद थे। १९५१ से १९६७ तक, तगतर १६ वर्ष तक उन्होंने वाराणसी से सांसद रहे, जिसके बाद १९६७ के चुनाव में उनको पराजित कर, बतौर सांसद, उन्हें अपनी सादगी और कर्मठता के लिए जाना जाता था।

निजी एवं प्राथमिक जीवन तथा स्वतंत्रता संग्राम -

वे मूलतः वाराणसी ज़िले के खेवली भतसार गाँव के रहने वाले थे।उनका जन्म

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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० न्याय का श्रासन इसको बचा लिया मरने से जिसने, उसका ही बच्चा है, न्याय-कसौटी पर माता का प्रेम-भाव निकला सच्चा है ! तेरे आँचल की पुकार थी, लो अपना हीरा आँचल का !”' माता का आनन्द आँख में मोती का पानी बन छलका ॥ मूत्ति काठ की बनी दूसरी नारी से तब राजा बोले-- “भोले कथन तुम्हारे निकले _. मातृ-हृदय के आगे पोले ! पुत्र-शोक को पचा गई तुम, मुझको होता अचरज भारी । अब तुम क्यों रोती हो ? जाओ, क्षमा की गई भुल तुम्हारी । कक




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