प्रार्थना और उपदेश | prarthana aur updesh

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prarthana aur updesh  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हूँ रू कठिन शब्द दंग, चाव, गगन, निरखते, यान, शस्नाखा नपल. सससाल, सभी । प्रशन-- (५) पलटा खाना, सास कमाना, चाव दिखलाना श्रार देखते चनना से क्या झमिप्राय समसते हे * (२) “खेल का खेल” शार “काम का काम” का क्या थे है है बाण पाठ ४. एश-पक्षियों का झापसी सेल यह तो सभी जानते हे कि हमारी भाँति पशु-पश्षी भी ख्गते-पीते; सेति-जागते और मरते-जीते हैं। परन्तु बहुत से लोग यदद नहीं जानते कि पश-पन्नी भी आपस में मेल रखते हैं । हम तुम्हें पशु-पश्चियों की सच्ची कहानियाँ सुनाते दो लोग वहुधा कुत्ते पालते हें । इुत्ता झपने स्वामी को बहुत चाहता हैं, यदद तो सभी जानते ह । परन्तु छुत्ता दूसरे पशु-पश्तियों से भो मेल रख सकता है। यह कम लोग जानते हैं ।




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