गैंडा | Gainda

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Book Image : गैंडा  - Gainda

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तीनों : जा मा सभी : मैडा: 11 है! (छीकती है।) (मंच के पिछले भाग में बूढ़ा आदमी, पंसारी की बीवी भौर पंसारी दुकान के उस शीशे के दरवाजे को दुबारा खोलते हैं जिसे बूढ़े आदमी ने दुकान के अन्दर जाकर बंद कर दिया था । ) कमाल है ! : कमाल है! (बेरांजे से) आपने देखा? (गेडे की टापों का शोर और उसका चिंघाड़ना अब बहुत दूर निकल गए हैं, लोग भभी भी इस जानवर के पीछे टकटकी लगाकर देख रहे हैं । सभी खड़े हैं। केवल बेरांजे अनमने भाव से चेठा हुआ है।) (बेरांजे को छोड़कर) कमाल है ! बेरांजे : (जां से) मु तो ऐसा लगता है, हां, यह गंडा ही था ! घरेलू औरत : पंसारी : बूढ़ा : कॉफी हाउस , कितनी घूल उड़ा गया है । (वह रूमाल निकालकर अपनी नाक साफ करता है।) कमाल है! मेरी तो जान ही ले गया ! (घरेलू औरत से) आपकी टोकरी'**आपका सारा सामान” (घरेलू औरत के पास जाकर मंच पर बिखरी चीज़ों को उठाने के लिए भुकता है। अपना हैट ऊपर उठाकर बड़े आदर के साथ इस महिला का अभिवादन करता हैं) का मालिक * माल है! ऐसा तो कभी कोई सोच भी नही सकता । महिला वेटर : बूढ़ा : घरेलू औसत : यह कया हो गया ! (घरेलू औरत से) इजाजत हो तो मैं चीजें इकद्ठी करने में आपकी मदद करूं ? (चूढ़े से) आपका बहुत-वहुत शुक्तिया, जनाब । मेहरबानी कर अपना हैट पहन लीजिए । आह । मैं तो बहुत ढर गई थी 1




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