सबड़का | Sabadaka
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
256
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)01
संगरेशो में जिरा नें 'हदेच! बे, उणो मे हिर्दी में 'रेसा-
खित्र', पर शाजरयानी में 'रेपादित्तर' कं । साहित में रेतावित्तर
लिवणा धाद्टा ध्ापरे इपार पानी है जीवण रे बेई धंग रो वरणन
उणी तरीशं यू करें जिया वितारों धापरें विवराम में घितारें ।
रेलावित्तर दो विसें कोई मो हो गर है। इणए में केई मिनख,
सु्ाई, जिनादर, पंचेह, रूप, हबेची, गांव घयवां सर रो दरणन
करपो जा शक है । रेताथित्तर में शर्रों सु टूसो वित्तर सांहयों जावे
हो पदार ६ सामने, धाचते पारा. बरशित दिस री मूरती साबार
हुनाई । लिखार ध्ापर चोइ-से वरणन में विसे रो धपो जबरों
दरभाव ग्होंखे के धोने सहन ई विसरपों मं जावे । लिखार थावे
वरगट ना करो, पण विसें खातर उण री सुबयोड़ी सहातुमूति मी
चढारों में चथई हुए ई नाव ।
रेखाचितर रो दिस भरसली भी हू सकं, भ्रर बटपित भी
हू सके । रेखाचित्तर-कार भापर विसे ने देवर चाव तो उण रो
साज ई धरशन कर सके, धर चादे तो दो-च्यार धरस ठरर कर
शर्ते है । रेखाचित्तर माइण में सफठ वो ही'ज लिखार हू सर्क जिशो
झापरें च्यारू-मेर रो निदगाएी झांटयों उपाइ' देखें, जिको सूद
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