माधवाचार्यविरचित श्रीशंकरदिग्विजय महाकाव्य का समीक्षात्मक अध्ययन | Madhvacharyavirchit Shreeshankardigvijay Mahakavya Ka Samikshatmak Adhyyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
188 MB
कुल पष्ठ :
590
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)रा र के ,... कस हैं द पक
्रमसु० स्य कद,
शान्तरर ठग मैं प्रसादगुणणन ३६८-३६६
इन अन्य प्रसर्डुण्यों में प्रा दमुण्य- ३६६ ,. ३
बौजौगुण- क- बौजौगुण का स्वरूप” ४००
ख- जौोजौगण की अभिव्यक्ति का दौंघ्न00० ब्
४०६ , गन ओजौगुण के व्यन्जक शब्द- ४०१
घन * श्रीशहु०कर दिग्विजय * मैं बौजौशुणणन
४० १४६० अ- शइ्ण्कराचाय के जौजस्वीरूप वर्णन
मं औौजौगुण- ४०३-४०६ , आ- रौदर और वोररर
के प्रसदुण्य में औौजौगुण की स्थिति- ४०६-४०७,,
ह- बीमत्सरस के प्रसदूण्य मे औजीगुणन ४०७ ८...
$- शान्तरस के प्रसडूण्ग में बौजौगुणन ४०८-४१७, ट
४- माघवगुण- कन छाधघवैगुण का स्वरूपन ४११०४ ६२,
ख- माघयैगुण्ण की अमिव्यजि्ति का झौननन ४१२
ग- मा बुयगुण्ण के अभिव्यज्जक शब्द- ४४३३ ,. घन
श्रोशडु०्कर दिग्विजय * में साधघयगुणण- ४१३-४१४ |
_ दिवीय सण्ड- * श्रोशहुण्कर दिग्विजय * में काव्यदौण
इन बवतारणा - ४४-४४ , रन * श्रीशदुण्कर-
विश्विजय * मैं प्रयुक्त काव्य दौष्ण- ४६४ के
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