समाज कार्य इतिहास दर्शन एवं प्रणालियाँ | Samaj Karya Itihas, Darshan Avam Pranaliya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्राठिधिक निपुणताओ का प्रयोग करते हुए उनमे आत्म-सहायता की क्षमता उत्पन्न करता हे। 1 समाज कार्य की प्रमुख परिभाषाये (गुण परीवांधिंणाड 0 50ठंव४/०9 चेनी के अनुसार . “समाज कार्य के अन्तर्गत ऐसी आवश्यकताओं जो सामाजिक सम्वन्धों रो सम्बन्धित हैं तथा जो वैज्ञानिक ज्ञान एव ढगो का उपयोग करती हैं, के सन्दर्भ मे लाभो को प्रदान करने के सभी ऐच्छिक प्रयास सम्मिलित हें।”' फिक के मत मे . “समाज कार्य अकेले अथवा समूहो मे व्यक्तियों को वर्तमान अथवा भावी ऐसी सामाजिक एव मनोवैज्ञानिक बाधाओ जो समाज मे पूर्ण अथवा प्रमावपूर्ण सहभागिता गो * रौकती है अथवा रोक सकती हे, के विरुद्ध सहायता प्रदान करने हेतु प्ररचित सेवाओ का प्रावधान है।” हेलेन क्लार्क के मत मे. “समाज कार्य ज्ञान एवं निपुणताओ के श्रण से युक्त व्यावसायिक सेवा का एक स्वरूप है जिसके कुछ अश समाज कार्य के विशिष्ट अश हैं ओर कुछ नही, जो एक ओर व्यक्ति कै सामाजिक परिवेश मे उसकी आवश्यकताओ की संतुष्टि करने मे सहायता करने तथा दूसरी ओर यथासम्भव उन कठिनाइयो जो उस सर्वोत्तम को जिसके लिए उनमें क्षमता है, प्राप्त करने से लोगो को रोकती हैं, को दूर करने का प्रयास करती है।”? सुशील चन्द्र के मत मे . “समाज कार्य जीवन के मानदण्डो को उन्नत बनाने तथा समाज के सामाजिक विकास की किसी स्थिति मे व्यक्ति, परिवार तथा समूह के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एव सांस्कृतिक कल्याण हेतु सामाजिक नीति के कार्यान्वयन मे सार्वजनिक अथवा निजी प्रयास द्वारा की गयी गतिशील क्रिया है।”* फ्रीडलैण्डर के मत मे. “समाज कार्य वैज्ञानिक ज्ञान एव मानवीय सम्बन्धो मे निपुणता पर आधारित एक व्यावसायिक सेवा हे रथ




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