ग्रामीण महिला एवं बालोत्थान योजना | Gramin Mahila Evm Balotthan Yojana

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Gramin Mahila Evm Balotthan Yojana by सुनीत सिंह - Sunit Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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का, 3.0 होने वालाव्यय आई. आर. डी. के इनफ्रास्ट्रक्चर मद से वहन किया जायेगा। अतः केवल आयु के कारण ऐसी महिलाओं को प्रशिक्षणः-ऋण की सुविधा से वंचिंत नहीं किया जायेगा | चयनित व्यवसायों के अनुसार समूहों के गठन में कलस्टर अप्रौच अपनायी जाय। समुहों के गठन के समय, इस वात का विशेष ध्यान रखा जाय कि समूह ऐसे गांवों में एवं ऐसी महिलाओं के माध्यम से गठित किये जायें, जहाँ महिलायें कार्य कनरे की इच्छुक हों तथा कार्यकलाप सफल होने की सम्भावना हो। नये समहूओं के साथ-साथ पुराने समूहों को भी सक्रिय करने का प्रयास किया जा सके। समूह संगठ” हेतु विभिन्न विभागों एवं स्वैच्छिक संस्थाओं का पूर्ण सहयोग लिया जाये | समूह गठन के दौरान समूह की एक सदस्या जो थोड़ी पढ़ी लिखि हो, जिसमें नेतृत्व का गुण विद्यमान हो, कार्यक्रम में दिलचस्पी रखती हो एवं अवैतनिक कार्य करने की इच्छुक हो, को समूह संयोजिका वनाया जाय। इसके अतिरिक्त थोड़ी पढ़ी लिखी महिला को कोपाध्यक्ष के रूप में भी चयन किया जाय । एक वर्ष तक समूह संयोजनका का प्रतिमाह पचास रुपया रिवाल्विंगफण्ड की धनराशि से मानदे के रूप में दिया जाय ताकि समूह संचालन के प्रति रुचि जाग्रत हो सके। समूह गठ में ग्राम पंचायत का पूर्ण सहयोग व अनुमोदन लिया जायेगा। समूह गठन के वाद समूहों की सूची खण्ड विकास अधिकारी (पंचायत समिति को उपलब्ध करायी जायेगी। वह अपने स्तर से प्राप्त सूची को अनुमोदन हेतु जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को उपलब्ध करायेंगे । समूहों का पंजीकरण : “५ वैंक से लोन सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से समूहों का रजिस्ट्रशन फर्म्म एण्ड सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत रुपया 5/- शुल्क देकर रजिस्ट्रा फर्म्म एण्ड सोसायटीज के क्षेत्रीय कार्यालय के पंजीकरण कराया जाय | (नियमावली परिशिष्ट --1) 4.0 4. 4.3 आर्थिक कार्यकलाप का चयन : समूह द्वारा अपनाये जाने वाले आर्थिक कार्यकलाप का चयन अत्यन्त सावधानि से भली भांति परीक्षणोपरान्त किया जाना चाहिए। यथासम्भव कार्यकलाप ऐसा होना चाहिए जिसके लिए कच्ता माल प्रशिक्षण हेतु वांछित योग्यायुक्त संस्था तथा वाजार स्थायी तौर पर उपलब्ध हो । जनपद की स्थानीय आवश्यकता, डिमांड समहूओं कि रुचि के अनुसार लाभकारी कोई भी ट्रेड लिया जा सकता है। उचित होगा ट्रेड चयन हेतु विकास खण्ड स्तर पर एक समिति वना ट्रेड का चयन किया जाय । यह उचित होगा कि महिला समूहों को केसेन्डरी तथा टर्सरी सेक्टर से संवंधित कार्यकलाप प्राथमिकता पर दिये जायें, साथ ही जहां दुग्ध समिति क्षेत्र हों वहां दुधारु पशु और अन्य स्थानों पर कुक्कट पालन, सुअर पालन या अऊन्य कार्यकलाप भी मल्टीपिल एक्ट योजना के अंतर्गत दिये जायें । उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम आई. आर. डी. पी. का हीं घटक हैं। अतः आई. आर. डी. पी. की भांति इसे भी मल्टीपिल एसेट देकर औसत पूंजी निवेश रु. 17.000/- या उससे अधिक करने का प्रयास किया जाना चाहिए। प्रशिक्षण : इस योजना के अन्तर्गत दो प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम अनिवार्यत: आयोजित किये जाते हैं । श्द




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