स्वर्ण धूलि | Swarn Dhooli
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
172
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand) पति पत्नी का सदाचार भी
नहीं मात्र परिणय से पावन,
काम निरत यदि दंपति जीवन,
भोग मात्र का परिणय साधन !
प्राणों के जीवन से ऊंचा
है समाज का. जीवन निइचय,
अंग लालसा में, सामाजिक
सृजन शक्ति का होता अपचय !
'पंकिल जीवन में पंकज सी
शोभित आप देह से ऊपर,
वही सत्य जो आप छुदय से,
शेष शून्य जग का श्राडंबर !
“झत: स्वकीया या. परकींया
जन समाज की है परिभाषा,
काम मुक्त औ' प्रीति युक्त
होगी मनुष्यता, सुकको आशा !'
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