किरातार्जुनीय महाकाव्य | Kiratarjuniya Mahakavya

Kiratarjuniya Mahakavya by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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क्राताजुनीय महाकाव्य थे श्लोकों पी सूची यदवोचत चीछूप यदात्थ काम भवता या विद्द्वाति हृत यदि प्रमाणीकतमार्थ यदि मनसि शम: किमस यमनियमकृशीटत यया समासादित यशसेय तिरोद्घन्मुहू यशो5धिगन्तु घुल यप्ट्मिन्छुसि पितृ न यरिमननन श्वर्यकृत य: करोतिं चघोदर्का य. सर्वेपामावरीता या गम्या, सत्यसह्ायाना यातस्प अधिवतरस युक्त, प्रमाचसि हिंता युक्ता: रचशक्त्या मुनय, युयुत्सुनेव कबच येनायविद्सलिल,. योग च त योग्यतमाय पोपिंत: पुलरुरोधि योपिदुद्नमनोमय र्छोमि नुरमनुजः रणनीपु सलतनरत्य ग्झितरा ने विधिधा रणाए लपन प्रदिशन्निय सर्य चि श्च्ड ३४. लि ही म्घ श्र म्भ् ७ श्लोक सख्या तप




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