हिन्दू राजतन्त्र | Hindu Rajtantra
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
377
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(७ )
जान पड़ता है कि प्राचीन शब्द “झथे? श्रौर “दंड” का स्थान
' झागे चरतकर नीति श्रौर नय शब्दों ने ले लिया । काम दक
ने अपनी पद्यमय रचना का नास नीति-
सार रखा है । जा ग्रंथ शुक्र का बनाया
हुआ माना जाता है श्रौर जा अपने वते-
मान रूप में एक प्रसिद्ध प्राचीन प्र थ का दोहराया हुश्मा संस्क-
रण है श्रौर जा कदाचित् उष्ण की प्राचीन दंडनीति के झाधार
पर बना है, उसका नाम भी नीतिसार--शुक्र नीतिसार--है+ |
पंचतंत्र नामक ग्रंथ में, जिस में राजकुमारों तथा भावी राजनीतिज्ञों
के लिये छोटी छोटी कहानियों में राजनीति के सिद्धांत बतलाए
गए हैं, इस साहिय का नम 'नय-शास्त्र दिया गया है। |
द् 7 नचोएथी चार
पाँचवीं शताब्दी के अ्रंथ
माने गए हैं । उसमें यह भी कहा गया है कि शक और तोखरी ले!ग
हिंदू राजाओं के अधीन हुए थे (० ६३) । पर यह घटना ईसवी पाँचवीं
शताब्दी के ्रारंभ की है । यहाँ इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए
कि कामं दक॒ के समय में महषि यें का बनाया हुआ राजनीति विज्ञान
संबंधी जा ग्रंथ प्रचलित था ( ८, २३ ) चइ शांतिप् के समाप्त होने
के समय अप्राप्य हो गया था । ( अ० ३४३, १२ कुंमबकाणस । )
# मध्य युग तथा उसके उपरांत के घर्म-शास्त्र के टीकाकारों ने इस
ग्रंथ का उल्लेख किया है ओर उसमें से झनेक ऑऔश उद्धत किए हैं ।
इस समय जो संस्करण प्रचलित है, उसमें उुभे वे उद्धरण नहीं मिले ।
इससे जान पड़ता है कि सच्नहवीं शताब्दी के लगभग शवश्य ही यह अंथ
फिर से दाइराया गया छागा। इसमें अधिकांश सें प्राचीन सिद्धांत
ही दिए गए हैं ।
1 नय-शास्त्र-कतू म्यः । पंचत'त्र श्रध्याय १ ।
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