तूरानी अभिजात्य वर्ग की मुगल साम्राज्य में भूमिका | Turani Abhijaty Varg Ki Mugal Samrajy Men Bhumika

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Turani Abhijaty Varg Ki Mugal Samrajy Men Bhumika  by समर बहादुर सिंह -Samar Bahadur Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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व्यवस्था संभालते ही. अत्याचार करने लगी। उसने इल्तुतमिश के रनिवास की स्त्रियों से दुव्यर्वहार किया और कई का वध करवा दिया।”” जब इल्तुतमिश के और पुत्र कुतुबुद्दीन को अंधा कराकर उसे मार डाला गया तब मलिकों का शासन पर से विश्वास हट गया और देश के विभिन्‍न भागों में विद्रोह होने लगे। “1 गयासुद्दीन मुहम्मद शाह ने अवध में, मलिक मुइजुद्दीन ने बदाएूँ में, मुल्तान ने मलिक तैफुद्दीन तथा लाहौर में मलिक अलाउदूदीन जानी ने दिद्रोह कर दिया। सुल्तान ने उसका दमन करने के लिए दिल्‍ली से कृच किया किन्तु उसे अधिकारियों का कोई समर्थन नहीं मिला। प्रधानमंत्री निजामुल मुल्क जुनैदी कैलूगढ़ी के निकट सेना से पृथक होकर कोयल भाग गया। तत्पश्चात जुनैदी और सालारी मलिक जानी और कूची की सेनाओं से मिल गये।“”” मलिकों और अमीरों का विद्रोह दावानल की भॉति भड़क उठा। इसी समय तुर्क॑ अमीरों और सुल्तान के घरेलू दासों ने मंसूरपुर और तराइन के निकट ताजीक अफसरों की हत्या कर डाली। साम्राज्य में व्याप्त अराजकता और विद्रोह ने रजिया को अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। शाह तुर्क से भी उसके अच्छे सम्बन्ध नहीं थे।”“* उदार! (व विरिलदिए एटललटटट पवन हरदा एममयममणमममामणतयानााननाताााविविि्ास्‍0 1 0 वात 0: विकिरण कं किया 20. हबीब निजामी, पृू०-200 21 मिनजाहज, पृू0०-183 22. वही 23. वही, पृू०-184




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