अन्नदाता | Annadata

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Annadata by कृशन चन्दर - Krishan Chandar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अन्नदाता थु क्लाइव स्ट्रीट, ६ अगस्त श्रीमानू जी, श्रीमानू मान्यवर की मंभकली बेटी ने मुक्त सपेरे की वीन के लिए कहा था । श्राज शाम को बाजार में मुझे एक सपेरा मिल गया । पच्चीस डालर देकर मैंने एक बहुत सुन्दर बीन खरीद ली । यह वीन स्पब्ज की ' तरह हल्की श्रौर कोमल है। यह एक भारतीय फल से, जिसे 'लौकी' कहते हैं, तैयार की जाती है । यह वीन बिल्कुल हाथ की बनी हुई है. श्रौर इसे तयार करते समय किसी मशीन से काम नहीं लिया गया । मैंने इस वीन पर पालिश कराया है श्रीर उसे सागवान' के एक सुन्दर वक्‍स में बन्द करके श्रीमानू मान्यवर की मं कली बेटी इडिथ के लिए उपहार-स्वरूप भेज रहा हूं । मैं हूं, श्रीमावृ का सेवक, एफ० वी० पटाखा १० झगस्त ॥ ... कलकत्ते में हमारे देश की तरह राशनिंग नहीं है । खाद्य के सम्बन्ध में हर व्यक्ति को पूर्ण स्वतन्त्रता है । वह वाज़ार से जितना झ्नाज चाहे खरीद ले । कल टिल्‍ली देश के राजदूत ने मुझे खाने पर निमंत्रित किया । छव्वीस प्रकार के गोदत के सालन थे । सब्जियों श्रौर मीठी चीज़ों के लिए दो दर्जन कोर्स तैयार किए गए थे । यारा बहुत ही वढ़िया थी । हमारे . यहां, जैसा कि श्रीमादू जी अच्छी तरह जानते हैं, प्याज तक की राशनिंग है। इस नाते कलकत्ते के निवासी वहुत भाग्यशाली हैं । खाने पर एक भारतीय इंजीनियर भी नि्मन्त्रित था । यह इंजीनियर हमारे देश का शिक्षित है । वातों-वातों में उसने कहा कि कलकत्तें में अकाल पड़ा ह्ञ्ा है । इस पर टिल्‍ली क़ा राजदूत कहकहा लगाकर हंसने लगा श्रौर मुझे




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