तमाखूसे हानियाँ | Tamakhuse Haniya

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Tamakhuse Haniya by छोटालाल जीवनलाल शाह - Chhotalal Jeevanlal Shah

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about छोटालाल जीवनलाल शाह - Chhotalal Jeevanlal Shah

Add Infomation AboutChhotalal Jeevanlal Shah

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पचनक्रियाका बिगाड़ और झूठी प्यास ! जैसे तमाखूसे झूठी भूख लगती है; वैसे ही झूठी. प्यास भी ७५० है। यह बात सच है कि भोजन -पचानेके ढिए पानीकी जरू९« . होती है; परन्तु घड़ी घड़ी प्यासका लगना रोगकी निशानी है | -आरोग रक्षाके नियमानुसार सादा -भोजन करनेवालोंको घड़ी घड़ी प्यास नहीं लगती । # घास खानेवाले पु भी घड़ी घड़ी पानी नहीं पीते। १ 'सबेरे या शामको एक बार-या कभी कभी दो वार पानी पीते हैं, अन्य! समय पानी मिठनेपर भी वे नहीं पीते । गरज' यह कि सची प्यास लूगनेपर पानी पीना और गला 'सूखनेपर वार वार पानी पीना, इन दोनोंमें बड़ा अन्तर है । पहले रक्षणसे -आरोग्य प्रकट होता है. और दूसरेसे रोग । तमाखूसे घड़ी घड़ी प्यास लगती है और पानी पीते रहनेपर भी प्यास वनी ही रहती 'है । विलायतमें इस प्यासकों दूर करनेके ढिए वहुतसे छोग शराब पीने लगते हैं + और एक नये व्यस- सनकी तौक़ गढेमें पहिन लेते हैं । अणीणाणय # “ जो वस्तुयें जठरके छिए बहुत ही उपयुक्त होती हैं, जो शरीरके डिए सबसे अधिक अनुकूल होती हें, उन वस्ठुओंसे अधिक प्यास नहीं ऊगती। ” --डाक्टर वल्यू०+ ए० आलकॉट। के तमाखू खाने या पीनेसे थूकुकी अन्धियोँ थूक निकालते निकालते थक जाती हैं और इसीसे तमाखू. खाने-पीनेके वाद न्नाण्डी, न्दिस्की आदि शरावोंक़ो गठेके नीचे उतारा जाता है । ”-न्यूयाकेंमें तसाखूके विरुद्ध स्थापित हुई सभाकी रिपोर्ट । - ्श्द




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now