महापुरुषों के साथ | Mahapurushon Ke Sath
श्रेणी : जीवनी / Biography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
348
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मिथ्या प्रतिमाओ का खण्डन कौन करेगा ? उनके रूढ सम्प्रदायवादी उपा-
सको की आँखे कौन खोलेगा ? कौन उन्हें समझावेगा कि किसी भी धामिक या
ऐहिंक इष्ट देवता को, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यो न हो, यह अधि-
कार प्राप्त नही है कि वह अपने बल से अन्य मनुष्यों की आत्मा पर अपना प्रभुत्व
स्थापित कर सके था उन्हे अवज्ञा अथवा घृणा की दृष्टि से देखे ?
-रोस्याँ रोलां
आवरण मुक्त आत्मा के लिए प्राच्य व पाश्चात्य कोई भेद नहीं है। यह
केवल उसके बाह्य आवरण मात्र है । समस्त विश्व ही उसका निवास-स्थान है,
और हमे से प्रत्येक मे ही जब आत्मा का निवास है, तब हम सभी उसके समान
अधिकारी है ।
हम उस भावी प्रतिज्ञात भूमि को देखने के लिए जीवित न रह सकेंगे ।
लेकिन क्या यह पर्याप्त नही है कि हम यह जानते है कि वह प्रतिज्ञात भूमि कहां
है और किस मागं द्वारा वहाँ तक पहुँचा जा सकता है।
-रोस्यां रोलां
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