सत्यार्थ प्रकाश | satyaarth prakash
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
31 MB
कुल पष्ठ :
662
श्रेणी :
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ओोश्म शन्नों सिच्रः शं वर्सण। शत्नों दर । शन्न
इंद्रो बूडस्पतिं। शन्नो विषण्णुरुसक्रस!। नसो ज्रष्मणे नमस्ते वायो
त्वसेव प्रत्यक्ष घ्र्मासि । त्वासेव प्रत्यक्ष घहां घदिष्यामि ऋतं
चंदिष्यामि स॒च्य॑ घदिष्यासि तन्मार्सचलु तढ़॒क्तारमवतु ।
अचतु सामचतु चंक्तारंम ॥ ओं शान्तिर्शान्तिर्सान्ति ॥१॥
झर्थ--( शोदेमू ) यद कार शब्द परसेश्वर का सर्वोसम नाम है:
क्योंकि इसमें जो डा, उ शोर मू तीन झच्तर मिलकर पक ( छोदेम )
सससरटर हुमा है' इस एक नाम से परमेश्वर के बहुत नाम श्याजाते हैं,
जैसे--श्रकार से विराट, झग्नि और चिश्वादि । उंकार से दिरण्यगमं,
चायु और तेजसादि । मकार से ईश्वर, श्यादित्य और म्राज्ादि नामों का
वायक 'छर श्राइक है । उसका ऐसा दी वेदादि सव्यशाख्रों में स्पष्ट
व्याख्यान किया है कि प्रकरणानुकूल ये सब नाम परमेशर ही के हैं ।
( प्रश्न ) परमेश्वर से शिक्न झर्थो के घाचक घिराट्ू ्यादि नाम क्यों नहीं ?
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