राम चरित मानस | Rama Charita Manasa
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
268
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about गोस्वामी तुलसीदास - Goswami Tulsidas
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( हे )
७ रामलला नददछू--इसमें २० साहर छंद हैं जिनमें शरीरामजी
' के विवाह में, जनकपुर में नखें में मद्दावर देते समय काशल्या
झादि का सदुददास्य किया है । -
८ वैराग्य संदीपनी--इसमें ५२ छंदां में संतस्वभाव, संत-म-
हिमा एवं शांति का वर्णन है । जान पड़ता है, इसे विरक्त होते
' समय गेाससाइ जी ने बनाया है।
& वरयबे रासायण--इसमें ७४ छुंद हैं, जिनमें रामचरित्र का स्फुट
घर्यन है । कहते हैं इस श्रंथ को गोसाई जी ने झापने मित्र नवाब
स्वानखाना फे मनारंजनार्थ बनाया था । शेोसाई जी ने नर-चरित्र
न लिखने की प्रतिज्ञा की थी, इस कारण उन्हेींने नवांय का भी
मनेरंजन रामचर्त्रि ही से किया 1
१० पार्वती-मंगल--इस में मद्दादेव-पावंती का विवादद.चर्णन है।
इसमें साहर के १४८ तुक श्र १६ छुंद है । इसको गेएसाइ जी ने
संचत् १६४३ फागुन खुदी २ गुरूवार को चनाया।
११ जानकी-मंगल-- इसमें श्री सीताराम-चिवादद का वर्णन है ।
इसमें १४९ सादर शोर २४ छंद है । यद्द पार्वती मंगल का सम साम-
यिक जान पड़ता है। कर .
१२ विनय पत्रिका-इसमें राग रागिनियें में गोसाइंजी ने विनय
के पद लिखे हैं । इसमें देवी, 'देवता, दशाबतार, ती थे, देवालय झादि
की स्तुति झर चर्णन है। इसे गासाई जी ने काशी में ही लिखा ।
इस अंथ में उनकी कवित्व शक्ति का पूर्ण परिचय मिलता है |
गोासाईं जी के अंधे में ययपि उत्तर भारत की झामीण भाषा की
ही प्रघानता है, पर भावों के व्यक्त करने में उन्हींने किसी भाषा
विशेष का चंधन नहीं रक््खा | उनका शब्दविस्यास इतना' सरल
ऋौौर वो घगस्य है कि उनके काव्य.वाल वृद्ध चनिता सब को प्यारे
हैं और भाव इतने गंभीर हैं कि बड़े बड़े पंडितों का माहित कर
User Reviews
No Reviews | Add Yours...