आंगन | Aangan

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.82 MB
कुल पष्ठ :
235
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२१ | झॉगन
तो लड़कियाँ भी नहीं जिनके साथ खेलूं | कूदूँ तो जी बहुल जाए ।”
“परे तुम इतनी बडी हो रही हो श्रौर झौर तुमको इतना भी नहीं मालूम
कि जब घर में लडाई हो तो सब चुप रहते हैं । दोपहर में ग्रम्मा श्रौर श्रब्वा में
खटपट हो गई ।” उस दिन पहली बार श्रापा उसको बडा समसकर सजीदगी से वाते
कर रही थीं ।
लड़ाई हुई *”
“बस यही कि अम्मा को सफदर भाई से नफरत हैं । जब तक वह इस घर से
नहीं जाते, ये लडाइयाँ भी नहीं खत्म होती ।”
फिर कमरे के हत्के से भ्रेपेरे में श्रापा उसे झपन पास बिंठाकर खुसुर-फुसुर करने
लगी, “जब तुम्हारे सफदर भाई चौथे दरे में पढ़ते थे तो मैं छोटी सी थी,
पर मुक्के सब याद है । एक बार भ्रम्मा ने उनको वेहद मारा था । जव अब्या को मालूम
हुमा तो वह श्रम्मा से रूठकर ठावुर साहव के घर चलें गए थे ! ठाकुर साहब ने बडी
मुश्किल से श्रब्बा को राजी करके घर भेजा था । बस उस बकत से भ्रम्मा सफ्दर भाई
से श्नौर भी नफरत करने लगी । कैसे वेशर्म हैं तुम्हारे ये सफदर भाई भी जो यहाँ से
जाते नही । श्रब तो इस लायक भी हो चुके हैं कि कमा खाएं । मुझे भ्रच्छी तरह याद
है कि श्रम्मा वी हिदामत पर नोकरानी सफदर साई को गमियी में दो वक्त का सा
हुमा खाना खिलाती थी । चुल्लू भर दूध में ढेरो पाती मिलाकर पीने को देती झौर
गोर्त के छिछडे काट कर उनके लिए वीमा पका देती । मगर सफ्देर भाई ने वभी
अझब्वा से शिकायत ने की । एक दिन सुद श्रब्या को जाने कया सूकी कि उनवा सानी
देसने बैठ गए । उसके बाद सफदर भाई को अ्रपने साथ साना. खिलाने लगे । इसके
याद भी सफदर भाई वी सेहत खराय ही रही ।
*'हय, छिछडे तो बुत्तो को खिलाते हैं। वह था न झापां हमारा घोटा सा
टामी, उसे भी तो छिछड़े उदाल कर दिये जाते थे ।” उसने नहने को तो बह दिया
मगर झापा एवदम सिसकने लगी शरीर वह हैरान होवर रह गई ।
*सतुम सफदर भाई से उयादा न बोला करो ।” श्रापा ने भाँसू पोछ कर जरदी से
भोर फिर हंसने लगीं । यह भाप वो हिंदायत की परवाह बिएं बग्ेर वाहर झा
सई । सब उसी तरह वेज़ार बेठे थे पौर कही बहुत दूर से भजन की झावाज भा रही थी।
सफदर भाई वादर घूमने चलें?” उसने भ्रम्मा दी तरफ जावर देखें वगरम हा,
मगर सफदर भाई बिल्कुल जामोश रहे ।
मच इसे स्यूल में दाखिल बरदा दो न, वरना यू हो मारो-मारी फिरेगी ?*
अम्मा ने तेज़ लहज़े में यहा ।
“मालूम वरूगा । सुना हूं यहाँ चस एक हो मिशन हाई-स्यूत्त है भौर बहाँ
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