राजर्षि अभिनन्दन ग्रन्थ | Rajarshi Abhinandan Granth

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Rajarshi Abhinandan Granth by गोपाल प्रसाद व्यास - Gopalprasad Vyas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जीव नी-खण्ड गाधीजी के विचार सदेय प्रणास दयुभ कामन।! स्वतन्त्रता-सग्राम के निर्भय सेनानी हमारे नेता खड़े भार्ड भारतीय सस्कृति के प्रतीक जय कामना जयी ' हिन्दी के लिए सतत सघर्ष अद्वितीय महापुरुष प्रेरणा के स्त्रोत राष्ट्रभाषा के महान नेता कर्मय्ोगी टडनजी गाघीजी के समान रचनात्मक राजर्पि नही, महर्षि अअजादी के सच्चे उपासक एक समर्पित जीवन देश श्रौर हिन्दी के लिए वरदान चिरस्मरणीय सेवाएं सद्‌गण। के समद्र जिन्हे प्राय गलत समभा गया राधास्वामी सम्प्रदाय के बुजुर्ग पारसी, निस्पुही श्रौर सेवान्ती रारजाण करा जीवम-दर्गत तप्त काचन के समान शादर्थ चरित्र और उदारसना भीष्म पितामह के प्रतिरूप त्चुक्रमणिका महान्मा गाघी राष्ट्रपति डा ० राजिन्द् प्रसाद राप्ट्रकवि सैशथिलीवारण गुप्त श्राचा्ये विनोवा भावे डा? सर्वपल्ली राधाक़प्णन श्री गोविन्दवल्लभ पन्‍्त श्री जवाहरलाल नेहरू श्री श्रनन्तदायनस झ्य्यगार श्री रामघारीसिह दिनकर ' श्री नरहरि विष्णु गाडगिल श्री सदादिव कान्होजी पाटिल श्री जगजीवन राम श्री घनव्यार्मासिह गुप्त श्री सम्पूर्णानन्द श्री विचिनब्नारायण दाम शी श्रीघ्रकाडा श्रीमती उमा नेहरू श्राचार्य कृपनानी श्री राहुल साक़त्यायन श्रीमती सुचेता क्रपलानी श्री रामनरेया जिपाठी श्री वियोंगी हरि श्री गरुचरनदास मेहता श्री गोविन्ददास श्री वनारसीदास चतुर्वेदी काका कालेलकर श्वी सुन्दरलासन श्री श्रीमन्तनारायण न्च्य न््छ 9 /् उडी न 0 नौ + ४ ८ ९ ह रा ही ६) «2 «९ ७ +,७. 0. «एल. «0 6 हा # 9 (७ 0 .७ ७ 1 ७ 2 लत , न! 10 री राजधबि अभिनन्दन ग्रन्थ




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