लोह पुरुष सरदार वल्लभाई पटेल | Loh Purush Saradar Vallabh Bhai Patel

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Loh Purush Saradar Vallabh Bhai Patel by दीनानाथ व्यास - Dinanath Vyas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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युद्ध के पूर्व गुजरात ने भारतवष के कितने दी मददान्‌ पुरुषों को जन्म दिया है । मद्दान्‌ सुधारक स्वामी दयानन्द ने गुजरात में ही प्रेरणा प्राप्त च्ो । मद्दात्मा गांधी ने तो गुजरात के नाम को सम्मानित ही नददीं बल्कि अमर दी कर दिया । पाकिस्तान के प्रवतक श्री मोहम्मदअली जिन्ना भले ही करांची में पेदा हुए हों, पर उनका समस्त जीवन शुजरात में ईँ। व्यतीत हु है । सरदार वल्लमभाई पटेल का जन्म ३१ अक्टूबर १८७५ इंस्वी में गुजरात प्रान्त के पेटलाद ताल्लुके के करमसद प्राम में हुझा' या । यह जात के कुरमी हैं और इनकी उपजाति लवां है। कवा उप- जाति, के लोग' मयांदा पुरुषोत्तम भगवान्‌ श्री रामचन्द्र जी के सुंपुत्र लव के वंशज माने जाते हैं. । सरदार पटेश के पिता का नाम॑ जबेर- आइ था । उनकी करमसद गाँव में 'कुछ जमीन थी, इसमें थे खेती किया. करते थे । उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नदीं थी, पर' साइस और दिलेरी के कार्यों में जबेरभाई विख्यात थे । सन्‌ १८४७ के. प्रथम भारतीय - स्वातंत्रय युद्ध में वे. महारानी लदसीवाई की बुन्देखा सेना में अरती दोकर बड़ी दी बहादुरी के साथ अंग्रेजों से कड़े थे । मुद्दारानी लदमी बाई युद्ध में परास्त ' हुई' और जबेरभाई बन्दी चना लिये गये । उन्हें. मदासजा मल्दारराव के जेलखाने में रखा गया.। उस समम, को: उनकी एक. घर्दना , अत्यन्त ' दी. अ्रसिद्ध हे। एक - दिन




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