दलित राजनीति के विविध पक्ष वर्तमान सन्दर्भ में | Dalit Rajneeti Ke Vividh Paksh Vartaman Sandarbh Men

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Dalit Rajneeti Ke Vividh Paksh Vartaman Sandarbh Men  by निशिमा शुक्ला - Nishima Shukla

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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5 दयनीय समाज की रूपरेखा सोचने योग्य है तथा इस वर्ग का शोषण काफी समय से _ किया जा रहा है। समय-समय पर राजनीतिक और सामाजिक आयाम बने बहुत थे. अधिक अस्तित्व में आये लेकिन क्रियाशील न हो सके | अन्य शब्दों में कह सकते हे कि दलित समुदाय के सम्बन्ध में राजनीतिक नेताओं, समाज सुधारकों, धर्म युद्ध में लगे व्यक्तियों, शासन करने वाले लोग तथा सिद्धान्त वादियों ने तमाम प्रकार के सुझाव और व्याख्या दी है अत: दलित राजनीति के सभी. पक्षों को देखने से. पहले दलित राजनीति के सैद्धान्तिक ढ़ाचे के बारे में जानना आवश्यक है कि : दजित राजनीति की अवधारणा क्या है और इसमें कितनी सच्चाई है। तथा यह राजनीति जिस ओर .. जा रही है वहा वास्तव में इसका कोई अस्तित्व सम्भव है| दलितों को दलित नाम संविधान द्वारा दिया गया उससे पहले हरिजन तथा उससे भी पहले उन्हें शूद्र नाम से पुकारा जाता था, हरिजन नाम के लिये उनमे काफी असन्तोष व्याप्त था. परन्तु दलित नाम दिये जाने पर उन्हें संतुष्ठी मिली क्योकि दलित शब्द संघर्ष का प्रतीक है, और वो चाहते भी यही है, दलित संघर्ष के बल पर स्वयं अपना अधिकार पाना चाहते है. अपनी लड़ाई खुद लड़ना चाहते है न कि किसी सवर्ण का अहसान ले कर | राष्ट्रीय ऐतिहासिक औआँकड़े बताते है कि यह प्रक्रिया पारम्परिक सांस्कृतिक तथा राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखते हुये आगे बढ़ती चली गयी । इसमें कई प्रकार के धार्मिक शैक्षणिक क औ र राजनीतिक, नौकर शाहियों, व्यवसायियों .ने समय-समय पर ऑकलन और विभिन्‍न प्रकार से . - परिवर्तन भी किया । और वास्तवं में देखा जाये तो उच्च वर्ग ने इस वर्ग (कमजोर वर्ग) का 1.:रिदीप्त के साथ शोषण किया, जिससे कि दलित आधुनिक भारतीय समाज बना | समय परिवर्तन होता रहा के बहुत से कानून बनाये गये दण्ड देने वाले और साध्य | समय-- समय पर क्रान्ति हुई लेकिन ये सारी रे री . क्रान्तियाँ असफल रही । दलित समाज को उठाने में डा० अम्बेडकर महांत्मा गाँधी और पं० जवाहर .... लाल नेहरू ने भीं तमाम प्रकार की गोष्ठियाँ की । इसके परिणाम ये निकले कि दलित भारतीय समाज राष्ट्रीय राजनीति की मुख्यधारा में आकर जुड़ गया जिससे प्रजातंत्र के सिद्धान्तों को समझा . और अपने समाज को स्थायित्व प्रदान किया




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