दो घंटे में भारतवर्ष | Do Ghante Mein Bharatvarsh

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
174
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)६ ७ 2)
' स्वभाव श्रीर विचारः--(१) चंण के लिहाज से घर्मंडी होना
२-जातियों का चढ़ना । (दे) छूतछात का बढ़ना ।
धर्मः--(१) नये देवता । (र) जीवन -का चालीस संस्कार ।
(३) यज्ञ-तप-इंश्वर आत्मा पर बहस । (४) झार्यों और शद्टों के
खयालात ।
कारोवारः--(१) खेती । (२) दुस्तकारी की चीजें ।
शासन--उश्वमेघ यज्ों से प्रगट होता है कि छोटे-छोटे राज्य
स्थापित थे ।
शिक्षा--(१) सूत्रों का बनाना । (२) पाणिनी का श्रप्मध्यायी
नामक ग्रन्थ बनाना । (३) शून्य का आविष्कार । (४) ब्योसेट्री
का ज्ञान (४0) बीमारियों की चिकित्सा ।
३-रामायण और महाभारत काल की रूपरेखायें
रदन सहनः--रामायण ओर मद्दाभारत के समय में समाज
की दशा बदलना, . काश्तकारी श्यौर दस्तकारी झादि पेशों पर
झपनी जिन्दगी बसर करना । जाति भेद बढ़ना ।
धर्म--न्रह्मा, विष्णु] और शिव की पूत्ा, यज्ञ करना, चांडालों
से घूणा ।
खिर्यो की दुशाइ--पतिन्नता 'गर सुशिक्षित . होना । सती की
प्रथा । पद की नौंच ।
रीति-रिवाज:--एक से झधिक विवाद । वाल-विवादद की प्रथा
न होना । सतरयंवर । शूद्रों में शादी करना श्र उनके दाथ का
खाना खाना चुरा सममना ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...