सगुण और निर्गुण हिन्दी साहित्य | Sagun Aur Nirgun Hindi Sahity
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
65 MB
कुल पष्ठ :
408
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)परम शदिय उठाए धीरेन्द्र वर्मा म,बप सुध्ोरण लिदेशन दारा, प्रबन्ध का
सशक्त मीव-नचिमाँण काम में, अत्यन्त उदाएता है साथ वपना जसत्य गमय
दर की वपा थी । टाए धीोरेन्द्र तमाँ के काश लेन के उपरान्त निरन्तर
वा रामकमार वर्मा के ही विद्तापएएँ िवैशन में यह प्रबन्ध लिखा गया
है । उनके असल्य वत्मलुपा समपन्चित 'निदिशन कि प्रति मैं उत्यन्त शद्धावनत
हु
डा० वीनदयपल गुप्त के प्रति भी में जपनी हाविक क्तजता प्रकट करना
चाहती है कि उन्कोति लखनऊ विश्वविधालय की टेगौर लाइजेरी भें कुछ
समय के लिए मी अध्ययन की सुविधा प्रदान बरते की कुपा की ।
चिशिषण प्रयर्ततों के बाद मी याद टाइप वादि की कशुद्यां रह गई
है तो वें दचामाप्रा्थी है ।
वस्त पे कम्द्रीय सरबार के प्रति लामाए प्रदरशैन जपना व्तैव्य समफती
है जिसने कि इस चिष्णय पर शौच काय करते की स्वीवुति प्रदान की और
तीन वर्ण तक. हुयमिनिटीज रिसचे स्कॉलरशिप देकर मुर्फी प्रौत्सातहति किया ।॥
1217 2] श्र थी
22 फरवरी, ₹६.६२, सन
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