हिन्दी राष्ट्र या सूबा हिन्दुस्तान | Hindi-rashtra Ya Suba Hindustan

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Book Image : हिन्दी राष्ट्र या सूबा हिन्दुस्तान  - Hindi-rashtra Ya Suba Hindustan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ढ$ राष्ट्र के लक्षण लोग कई राष्ट्रों में विभक्त हो सकते हैं ; किन्तु भिन्न भिन्न भाषायें बोलने वाले समुदायों का एक राष्ट्र के रूप में सज्ञठित होना असा- धारण तथा अस्वाथाविक है. । हर पांचवां लक्षण : धम्म को एकता इन चार मुख्य बन्धनों के अतिरिक्त कुछ और भी ऐसे बन्धन हैं जिनके हाने से राष्ट्र सुद्द़ हो जाता है तथा व्यक्तिगत जीवन शान्ति; प्रेम और सुख से कटता है । इन में. प्रथम स्थान धर्म की समानता का है । व्यक्ति की तरह राष्ट्र की आत्मा के लिये भी धर्म की आवश्यकता होती है । राष्ट्र में जितने हो अधिक व्यक्ति एक से धार्मिक विचार रखने वाले होंगे उतनी हो अधिक सुविधा से ये एक साथ रद्द सकेंगे । धर्म के साथ आचार-विचार; सामाजिक संगठन तथा साहित्य आदि का विशेष सम्बन्ध होता है। यही कारण है कि धर्म के एक होने से राष्ट्र की नीव अधिक सुद्दढ़ हो . जाती है। कई धघ्मे होने पर भी एक राष्ट्र दो सकता है; किन्तु यदि एक-ध्मावलम्बी प्रधान रूप से होंगे तो आपस में मेल की संभा- चना और भी अधिक होगी । छटा लक्षण : वग की एकता इन गोण बातों में दूसरा स्थान वर्ग की एकता का है । व्यक्ति या परिवार जिस प्रकार झपने शुद्ध रक्त का गौरव करता है वेसे ही राष्ट्र भी कर सकता है.। लोगों के एक ही नसल के होने से राष्ट्र की एकता और भी अधिक दृढ़ हो जाती दे; किन्तु राष्ट्रीयता के लिये वर्ग को एकता अपरिहार्य नहीं है ।




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