लघुकाव्यानि | Laghukavyani
श्रेणी : काव्य / Poetry, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
130
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शक . आनन्दसागरम्तवः ।
मात: करोषि ममतां मयि यावदीष-
त्तावद्यते मम ततः किमिवास्ति साध्यमू ।
मामित्थामित्थमुपयुड्शषव न विस्मरेति
किं स्वामिन त्वरयते कचन स्वभ्रूयः ।! ३५ ॥
लाज्य वयजानि विहित च समाचराणि
नियेषु शक्तिमनरुध्य हि वर्तितव्यम् ।
तद्ठाद्वशाक्तमनरुध्य न कायेशाक-
मित्येतदेव तु शिवे विनिवेदयामि । ३६ ॥
आत्मेव भार इति त॑ त्वयि यो निधत्ते
सो$ड़्ानि कानि कलयत्वलसः प्रपत्ते: ।
विश्वत्र सात्र सबिलश्रणलश्षणाया
विख्रम्भसंपदियमेव समस्तमज्ञि ॥ ३७ ॥
त्रेरणेन मिषतः श्वसतो$पि मातः
प्रामादिकेडपि सति कमंणि में न दोष! ।
मात्रेव दत्तमशन॑ प्रसतः सुतस्य
को नाम वश्ष्यति शिशोरतिभुक्तिदोषप् ॥ ३८ ॥
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