पद्माकर | Padmakar
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
243
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(२) पोतनावी भागवत के कुछ उत्वप्ट अशों और समुचरिष्र का
हेन्दी मे बाव्यानुवाद ।
(३) तेलुगु वी प्रातिनिधिव वहानियों वा हित्दी अनुवाद ।
(४) आन्य प्रदेश के हिन्दी लेखकों वी सगोप्ठी ।
श्री दुर्गानन्द ने सुरदास के पदों वा तेडुगु गीतानुवाद परग कर लिया
है। पुस्तव इस समय प्रेस में है।
पातना वी भागवत्त वे बुछ उत्दप्ट अशो का वाव्यातुवाद श्री वारा-
णतों राममूर्ति ने पूरा कर लिया है। इस अनुवाद का मुद्रण कार्य प्रारम्भ
हो चुका है। मतुचरिस का अनुवाद श्री मह्लादि शिवराम कर रहे हैं ।
तेलुगु वी प्रातिनिधिक कहानियों का अनुवाद श्री वालशौरि रेड्टी ने
किया हूँ । यह कहानी सप्रह इस समय छाप रहा है ।
आन्था प्रदेश के हिस्दी लेखकों की सगोष्ठी बाज से प्रारम्भ हो
रही है ।
२. सगोप्ठी का उद्देश्य बताते हुए आन प्रदेश साहिय अकादमी के
अध्यक्ष डाक्टर बेजवाड गोपाल रेड्डी ने कहा, “मान्य प्रदेश साहित्य अकादमी
बा इस विवाद से कोई सम्वन्प नही है कि हिन्दी देश को 'राजभाषा बन
सकती है था नही । आन्या प्रदेश साहित्य अकादमी इस वात को तोम्रता के अनु
भव कर रही है वि देश की विभिन्न भाषाएँ एव-्द्रसरे के निवट आएँ।
बहुत से सुशिक्षित भारतीय अपनी मात भाषा के साहित्य से भी परिचित नहीं
हैं। मातुभाषपा के अतिरिक्त देश की अन्य भापाओ के सम्बंध मे हमारा ज्ञान
हुतत अल्प है। आय साहित्य अकादमी मुख्यत तेडगु साहित्य के विकास
था बाय बरती है, कितु स्थापना काल से ही उसका यह मी लक्ष्य रहा है कि
झा की विभिन भापाआ के पारस्परिक अआदान प्रदान को प्रोत्साहित किया
जाएं । तछुगु के अतिरिवत अकादमी ने उदू मे भी डुछ पुस्तकें प्रकाशित की
है। कुछ समय पहले अकादमी न मराठी के प्रमुख उपन्यास लेखक हरि
नाराधण आपट का दताब्दी महो सब आयोजित किया था । हम लोग चाहते
है कि हिंदी वा उत्दप्ठ साहित्य तेलुगु मे और तेलुगु की बालजयी रचनाएँ
हिन्दी मे अनुवादित हो । इन दोनो भाषाओं के आधुनिव' लेखकों से
पारस्पि परिचय को भी. अकादमी. प्रोत्साहित करना. चाहती है ।
आन्थ्ा प्रदेश के अनेक व्यक्तिया न हिन्दी का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया है। हम
पद्मावर
०
User Reviews
No Reviews | Add Yours...