काल अर आज रे बिच्चै | Kaal Are Aaja Rai Bichchai

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Kaal Are Aaja Rai Bichchai by सांवर दइया - Sanwar Daiya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उम्मोद मा है. पण बाई बयू पवार बात देख लिया थे प्रसवार दूज दिन भाप प्रसयार संस पान मार्थ निस्योदी हो भा या बरया तई डपादा सू पातों पड़तों गया पण्ण धाज सापग्यो हुएर प्राठो पादमी भ्रारमी शवसू होनियार थीं यू परणीजगी है मद सरारां घाठी पार मुगा पर पीर घेजाप 11 मी प्पसा था इनिहार बच्यानपुष्या उम्दा गृर्या सांग दिस पाजएं पद पोगता रया है दूँ पा हुया उशाग ई दूनिया से सौर ई घग्सेई शाय है फिस दे पा,” मर है चाय 1 5




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