ग्राम राज | Gram Raj
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
74
श्रेणी :
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No Information available about मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हिंसा से मुक्ति केसे मिले ?
झासन के भयकर सघटन के कारण जनता का थोपण होता
दे,एतना ही नहीं , वल्कि राज्य के वोक के फारण उसका दसन भी
होता है। इसलिए आज की ट्नियां में राज्यव्यवस्था आसयीर्वाद के
चदले अभियाप साबित हो रही है । तभी तो हम यासनमुक्त
'ग्रामराज' चाहते है। आज की दुनिया की हालत ऐसी हूं कि
बिना घासनमुक्ति के इन्सान को जिन्दगी खतरे में पद गयी हैं ।
आपमे से बहुत से देहात के भाई काफी पढ़े-लिये होगे। आपको
मालम होगा कि जितने पढ़े-लिखे लोग हे वे हर वात में विज्ञान
की दुह्ाएं देते है । यहाँ तक कि वे कहते हे कि गाधीजी भले हैं।
महात्मा रहे हो, लेकिन वे इस चैज्ञानिक-पयग के आदमी नही थे ।
वे बहते हे कि उस युग में गाधी की राह चलने लायक नहीं है ।
उनको राय में गाधीजो इनिया को हजार वर्ष पीछे घसीट से
जाना चाहते थे। लेकिन मे आपको दताना चाहता हं कि आऊ
का यंग चे्ञानिक-प्रग है इसीलिए याधीजी का जन्म हुआ, तालि
ये विान के सकट से मानव-समाज का उद्घार कर सके
आप सन में सोचते होगें कि भला विज्ञान कहीं सवट का
यारण हो सकता है? विशान ने तो मनप्य की तस्ककी की है ।
यह ठीफ है कि विज्ञान ने सानव-समाज का बडा कल्याण विया
बन
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